नैनीतालः हरिद्वार के मनसा देवी रोपवे के टेंडर मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने हरिद्वार नगर निगम को मनसा देवी रोपवे के लिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही स्पष्ट किया है कि वर्तमान टेंडर को 31 मार्च 2023 से आगे न बढ़ाया जाए. वहीं, एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उत्तराखंड जल निगम में 2022 से अब तक हुए सभी टेंडरों के जांच करने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, हरिद्वार निवासी नीरज साहू ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा कि मनसा देवी रोपवे के संचालन का काम 40 सालों की लीज पर साल 1973 में उषा ब्रेको रोप वे लिमिटेड को दिया गया था. यह लीज मई 2020 में समाप्त हो गई, लेकिन बाद में दोबारे इसी कंपनी को नियमविरुद्ध तरीके से 3.30 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की दर से रोपवे संचालन का काम दे दिया गया. जबकि, नियमानुसार टेंडर होने पर रोपवे संचालन में ज्यादा आय होती है.
वहीं, मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार व हरिद्वार नगर निगम को निर्देश दिया है कि रोपवे के संचालन के लिए नए सिरे से टेंडर किए जाएं. साथ ही आदेश दिया है कि बिना टेंडर के 31 दिसंबर 2023 के बाद वर्तमान प्रक्रिया आगे न बढ़ाई जाए.
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