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मनसा देवी रोपवे का नए सिरे से टेंडर कराने के आदेश, HC का निर्देश जल निगम के टेंडरों की भी हो जांच

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Published : Jun 15, 2023, 10:20 PM IST

नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार के मनसा देवी रोपवे के नए सिरे से टेंडर कराने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में जल निगम में 2022 से अब तक हुए सभी टेंडरों के जांच करने को कहा है. बकायदा जल संस्थान के सचिव को जांच का जिम्मा सौंपा है.

Mansa Devi Ropeway
मनसा देवी रोपवे का नए सिरे से टेंडर

नैनीतालः हरिद्वार के मनसा देवी रोपवे के टेंडर मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने हरिद्वार नगर निगम को मनसा देवी रोपवे के लिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही स्पष्ट किया है कि वर्तमान टेंडर को 31 मार्च 2023 से आगे न बढ़ाया जाए. वहीं, एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उत्तराखंड जल निगम में 2022 से अब तक हुए सभी टेंडरों के जांच करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, हरिद्वार निवासी नीरज साहू ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा कि मनसा देवी रोपवे के संचालन का काम 40 सालों की लीज पर साल 1973 में उषा ब्रेको रोप वे लिमिटेड को दिया गया था. यह लीज मई 2020 में समाप्त हो गई, लेकिन बाद में दोबारे इसी कंपनी को नियमविरुद्ध तरीके से 3.30 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की दर से रोपवे संचालन का काम दे दिया गया. जबकि, नियमानुसार टेंडर होने पर रोपवे संचालन में ज्यादा आय होती है.

वहीं, मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार व हरिद्वार नगर निगम को निर्देश दिया है कि रोपवे के संचालन के लिए नए सिरे से टेंडर किए जाएं. साथ ही आदेश दिया है कि बिना टेंडर के 31 दिसंबर 2023 के बाद वर्तमान प्रक्रिया आगे न बढ़ाई जाए.
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उत्तराखंड जल निगम में 2022 से अब तक हुए सभी टेंडरों के जांच के आदेशःनैनीताल हाईकोर्ट ने जल निगम की ओर से जनवरी 2022 से अभी तक पूरे प्रदेश में जारी टेंडरों के जांच के निर्देश दिए हैं. सचिव जल संस्थान को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने देहरादून निवासी एवं ठेकेदार सकलानंद लखेड़ा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किए.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि देहरादून नगर निगम ने इसी साल फरवरी 2023 में आराघर से मोथरोवाला तक सीवर लाइन बिछाने के लिए निविदा जारी की. सबसे कम निविदा याचिकाकर्ता के नाम की रही, लेकिन इसके बावजूद जल निगम की ओर से निविदा निरस्त कर दी गई और नई निविदा जारी कर दी गई.

इतना ही नहीं जल निगम की ओर से उन्हें निविदा निरस्त करने संबंधी जानकारी भी नहीं दी गई. याचिकाकर्ता की ओर से इसमें धांधली की आशंका जताई गई है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शशांक पांडे ने बताया कि कोर्ट ने सचिव जल संस्थान को जनवरी 2022 से अभी तक के पूरे प्रदेश में जारी टेंडरों की जांच के निर्देश दे दिए हैं.

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