नैनीताल: टिहरी के प्रताप नगर में मंगलवार को एक स्कूली वैन गहरी खाई में जा गिरी. इस हादसे में 9 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक बच्चे ने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ा था. समय पर हादसे की सूचना देने के बावजूद 108 एंबुलेंस 2 घंटे देरी से मौके पर पहुंची. मामले को लेकर देहरादून निवासी अनु पंत ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के गिरते स्तर पर नाराजगी व्यक्त की.
टिहरी हादसा: एंबुलेंस के देरी से पहुंचने पर HC सख्त, सरकार को फटकार लगाकर मांगा जवाब - हाईकोर्ट का आदेश
टिहरी में 108 की लापरवाही पर हाई कोर्ट ने दिए राज्य सरकार को एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश. याचिकाकर्ता ने 108 सेवा पर लगाए कई आरोप.
दरअसल, बीते दिनों टिहरी में स्कूली बच्चों की वैन खाई में गिरने के मामले में याचिकाकर्ता ने समाचार पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा समय पर नहीं पहुंची, जिस वजह से रेस्क्यू और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि कई बच्चों की मौत एंबुलेंस की देरी के कारण हुई. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
याचिकाकर्ता अनु पंत का कहना है कि प्रदेश में नवंबर 2018 से शुरू हुई 108 सेवा के टेंडर में काफी अनियमितता है. उनका कहना है कि सरकार ने 108 सेवा संचालन करने का टेंडर उस कंपनी को दिया है जो पहले प्रदेश में शव वाहन चलाने का काम करती थी. वहीं याचिका में कहा गया है कि बीते 2 माह के भीतर इस कंपनी की 11 एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं क्योंकि इसमें अनुभवी ड्राइवर नियुक्त नहीं किए गए हैं.