नैनीतालःउत्तराखंड के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के स्थान पर स्मार्ट क्लास से पढ़ाई कराने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, राज्य योजना निदेशालय के निदेशक डॉ. मुकुल सती समेत आइ-क्यू स्मार्ट क्लास कंपनी की समिता नटराजन को नोटिस जारी किया है.
बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से साल 2019 में प्रदेश के 2 लाख स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए हाईटेक पढ़ाई करवाने के लिए स्मार्ट क्लास योजना शुरू की थी.
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कुछ समय बाद बदलते समय के साथ स्मार्ट क्लास योजना की जगह ऑनलाइन (वर्चुअल) क्लास ने ले ली. जिसे उत्तराखंड सरकार की ओर से भी स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू करवा दी गई. ताकि उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को इसका फायदा मिल सके.
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उत्तराखंड में स्मार्ट क्लास के स्थान पर वर्चुअल क्लास पढ़ाने की संस्तुति केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से भी भी दी गई, लेकिन शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से चेन्नई की प्राइवेट कंपनी (आई क्यू स्मार्ट क्लास) को फायदा दिलाने के लिए प्रदेश में ऑनलाइन (वर्चुअल) क्लास के स्थान पर स्मार्ट क्लास को पढ़ाने का आदेश जारी कर दिया गया.
जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना है. लिहाजा सरकार के आदेश की अवहेलना करने और प्राइवेट कंपनी को फायदा दिलाने के मामले पर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, राज्य योजना निदेशालय के निदेशक डॉ. मुकुल सती समेत आइ क्यू स्मार्ट क्लास कंपनी की समिता नटराजन को नोटिस जारी किया. साथ ही मामले में 4 हफ्ते के भीतर अपना विस्तृत जवाब शपथ पत्र के माध्यम से एक कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.