नैनीतालःरोडवेज कर्मचारियों के वेतन मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. जिसमें सरकार की ओर से बताया गया कि कर्मचारियों को जून महीने तक का वेतन दे दिया गया है. जबकि, जुलाई के वेतन के लिए 16.5 करोड़ रुपए रिलीज कर दिया गया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में रोडवेज की परिसंपत्तियों के बंटवारे मामले पर भी सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को यूपी एवं उत्तराखंड के मुख्य सचिवों की संयुक्त बैठक कराने को कहा.
गौर हो कि उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें यूनियन ने कहा है कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो नियम विरुद्ध है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर करती आई है. सरकार और परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रही है, न ही उन्हें नियमित वेतन दिया जा रहा है. उन्हें बीते चार सालों से ओवर टाइम भी नहीं दिया जा रहा है. साथ ही कहा है कि रिटायर कर्मचारियों के देयकों का भुगतान भी नहीं किया गया है.
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याचिका में कहा गया है कि यूनियन का सरकार और निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है. उसके बाद भी सरकार एस्मा लगाने को तैयार है. साथ ही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने निगम को 45 करोड़ रुपए बकाया देना है. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की ओर से भी निगम को 700 करोड़ रुपए देने हैं. जो अभी तक भुगतान नहीं किया गया है.
ऐसे में न तो राज्य सरकार निगम को उनका 45 करोड़ रुपए दे रही है, न ही राज्य सरकार उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ रुपए की मांग कर रही है. जिस वजह से निगम न तो नई बसें खरीद पा रही है और न ही बस में यात्रियों की सुविधाओं के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं जुटा रही है. इधर, लॉकडाउन के चलते उन्हें फरवरी महीने से वेतन तक नहीं दिया गया है.