नैनीतालःउत्तराखंड लोक सेवा आयोग की आरक्षण नियमावली 2012 और परीक्षा परिणाम तैयारी प्रक्रिया विनियम 2022 को चुनौती देने वाली याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार के साथ उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को चार हफ्ते के भीतर हर हाल में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को निर्देश दिए हैं कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का चयन जिन्होंने उत्तराखंड संयुक्त राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2021 में पद के लिए आवेदन करने में छूट के मानकों का लाभ उठाया है, उनका चयन रिट याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा. इस मामले की अगली सुनवाई 14 जनवरी 2023 को होगी.
गौर हो कि याचिकाकर्ता शादाब खान ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) के नियमों को चुनौती दी है. जो आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति को सामान्य वर्ग में चयनित होने की अनुमति देता है. भले ही उसने आयु सीमा, अनुभव, योग्यता, लिखित परीक्षा में अनुमत अवसरों की संख्या में छूट का लाभ उठाया हो.
ये भी पढ़ेंःUKPSC में 30% क्षैतिज आरक्षण का मामला, धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की SLP