नैनीतालःपूरे उत्तराखंड समेत नैनीताल शहर में बंदरों और कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन न करने पर नैनीताल डीएम को 12 मई को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है.
उत्तराखंड में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक, HC ने नैनीताल डीएम को किया तलब
उत्तराखंड में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक देखने को मिल रहा है. नैनीताल जिले में भी कमोबेश यही हाल है. ऐसे में कुत्तों और बंदरों से निजात दिलाए जाने से संबंधित याचिका भी हाईकोर्ट में है. जिस पर आज सुनवाई हुई. जिसमें हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन न करने पर नैनीताल डीएम को तलब किया है.
गौर हो कि नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक सैकड़ों लोगों को काट चुके हैं. जबकि, कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है. कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था. बावजूद इसके इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. याचिकाकर्ता ने बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार लगाई है.
ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड में 47 हजार बंदरों की हो चुकी नसबंदी, फिर भी उजाड़ रहे खेती, किसान परेशान
नैनीताल हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अवगत कराया कि कोर्ट के पूर्व के आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते हल्द्वानी में कुत्तों के काटने से एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई. जबकि, मार्च महीने में एक हफ्ते के भीतर नैनीताल में 45 लोगों को आवारा कुत्तों ने काट लिया था. पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में आवारा कुत्तों ने करीब 40 हजार लोगों को काट लिया. जिस पर हाईकोर्ट ने नैनीताल जिलाधिकारी को तलब किया है. ऐसे में अब मामले की सुनवाई आगामी 12 मई को होगी.