नैनीताल: टिहरी जिले में सरकारी आवासों पर अतिक्रमण किए जाने खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को अवैध रूप से रह रहे लोगों को सरकारी आवास खाली करने के लिए चार हफ्ते का नोटिस देने को कहा. साथ ही किराया वसूलने के आदेश भी दिए हैं.
Encroachment Case: टिहरी में सरकारी आवासों पर अतिक्रमण, HC ने घरों को खाली कराने और किराया वसूलने का दिया आदेश - टिहरी निवासी सुनील प्रसाद भट्ट
टिहरी में सरकारी आवासों पर बाहरी लोगों ने अतिक्रमण कर अपना डेरा जमा रखा है. यह मामला हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने अवैध रूप से रह रहे लोगों को आवास खाली करने और किराया वसूलने के आदेश सरकार को दिए हैं.
![Encroachment Case: टिहरी में सरकारी आवासों पर अतिक्रमण, HC ने घरों को खाली कराने और किराया वसूलने का दिया आदेश Nainital High Court](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17833632-thumbnail-4x3-nainitalhc.jpeg)
दरअसल, टिहरी के सुनील प्रसाद भट्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि टिहरी में पूल्ड हाउसिंग सोसाइटी के तहत सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को साल 1976 में आवास आवंटित किए गए थे, तब से अब तक इन आवासों में रह रहे कई कर्मचारियों का ट्रांसफर हो चुका है. कई रिटायर हो चुके और कई कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है, लेकिन तब से अब तक उन्होंने आवास खाली नहीं किए हैं.
ये भी पढ़ेंःKanti Ram Joshi की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज की, अभी जेल में ही रहना होगा
याचिकाकर्ता का कहना है कि जो आवास खाली थे, उन पर बाहरी लोगों ने कब्जा कर रखा है, लेकिन सरकार ने अभी तक उनसे आवास खाली नहीं कराए, न ही उनसे किराया वसूला. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि अवैध रूप से रह रहे लोगों से आवास खाली कराए जाएं और उनसे पूरा किराया भी वसूला जाए. वहीं, आज हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर इसके बाद भी आवास खाली नहीं किए जाते है तो याचिकाकर्ता को यह छूट है कि वो फिर से न्यायालय की शरण ले सकता है. हाईकोर्ट ने यह जनहित याचिका निस्तारित कर दिया है.