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बाहरी राज्यों की महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण न देने के मामले पर सुनवाई, HC ने मांगा जवाब

Women Reservation in Government Jobs उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों की महिलाओं को आरक्षण न देने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. मामले में कोर्ट ने सरकार ने जवाब मांगा है. इसके लिए 6 हफ्ते के समय दिया है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 11, 2023, 7:59 PM IST

नैनीतालःउत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के संबंध में विधानसभा की ओर से पारित क्षैतिज आरक्षण अधिनियम 2022 को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने मामले में सरकार से 6 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

दरअसल, उत्तर प्रदेश की रहने वाली काजल तोमर ने महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण अधिनियम 2022 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, वो उत्तराखंड संयुक्त राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2021 में शामिल हो रही है, लेकिन राज्य विधानसभा ने विज्ञापन जारी होने के बाद उत्तराखंड की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण देने का अधिनियम पारित किया है.
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य कानून के माध्यम से उत्तराखंड की महिला उम्मीदवारों को प्रदान किया जा रहा डोमिसाइल आधारित आरक्षण भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 का उल्लंघन है. राज्य विधानमंडल के पास ऐसा कानून बनाने का कोई विधायी अधिकार नहीं है.

वहीं, कोर्ट ने पूरे मामले में सरकार को 6 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड संयुक्त राज्य इंजीनियरिंग परीक्षा जारी रहेगी, लेकिन ये नियुक्तियां इस रिट याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन ही रहेंगी. गौर हो कि उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने का मामला हाईकोर्ट में है. जिस पर कोर्ट कई बार जवाब मांग चुका है.

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