नैनीतालःबीडी पांडे अस्पताल नैनीताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड न होने समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश डीजी हेल्थ को दिए हैं. साथ ही इसकी रिपोर्ट तीन हफ्ते के भीतर कोर्ट में पेश करने कहा है.
Health System पर HC की नाराजगी, कहा- हॉस्पिटल में पट्टी बंधवाने के दिए थे 700 रुपए, DG हेल्थ से मांगी रिपोर्ट
उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने फिर नाराजगी जताई है. इस बार हाईकोर्ट ने नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में अल्ट्रासाउंड समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं की कमी के मामले में मिले शिकायतों का स्वतः संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए डीजी हेल्थ को लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. साथ ही रिपोर्ट को 3 हफ्ते के भीतर पेश करने की मोहलत दी है.
दरअसल, नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी. ऐसे में हाईकोर्ट ने कई शिकायतों का संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की. जिसमें कहा गया कि बीड़ी पांडे अस्पताल में मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से मरीजों को कई दिक्कतों के साथ हल्द्वानी से अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है. जो भी अल्ट्रासाउंड यहां हो रहे हैं, उनसे पैसा लिया जा रहा है. डॉक्टर तय समय पर अस्पताल का दौरा नहीं करते हैं. अस्पताल में कई अनियमितताएं हो रही है.
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वहीं, हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि उनके पास प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों की शिकायत भी आ रही है. न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने कहा कि वे एक बार पौड़ी के अस्पताल में पट्टी बंधवाने गए तो उनसे भी 700 रुपए लिए गए. इसलिए जो कर्मचारी अस्पताल में है. वे अपनी जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी करें. जब कोर्ट संज्ञान लेती है, तभी अस्पताल प्रशासन कार्य करता है. महाधिवक्ता एनएस बाबुलकर ने कोर्ट को अवगत कराया कि डॉक्टरों व स्टाफ की कमी है. अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट भी नहीं है.