उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

बलियानाला भूस्खलन मामले में नैनीताल DM की रिपोर्ट से HC असंतुष्ट, सरकार को स्पष्ट जवाब पेश करने के आदेश - बलियानाला भूस्खलन मामले में DM की रिपोर्ट

Balia Nala Landslide मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान नैनीताल डीएम की रिपोर्ट पर खंडपीठ संतुष्ट नजर नहीं आई. मामले में कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि बलियानाला को नैनीताल का आधार कहा जाता है, जिस पर लगातार भूस्खलन हो रहा है.

Nainital High Court Heard on Balia Nala
नैनीताल हाईकोर्ट

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 9, 2023, 4:16 PM IST

नैनीतालःसरोवर नगरी नैनीताल के बलियानाला में लगातार भूस्खलन हो रहा है. भूस्खलन से जुड़ा यह मामला हाईकोर्ट की टेबल में है. जिस पर लगातार सुनवाई हो रही है. आज मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान खंडपीठ ने नैनीताल डीएम की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर असंतुष्टि जाहिर की और सरकार से स्पष्ट जवाब पेश करने को कहा. वहीं, हाईकोर्ट ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून के किसी विशेषज्ञ (जिसे इस मामले की जानकारी हो) को कोर्ट के मार्गदर्शन के लिए भेजने को कहा है.

बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने नैनीताल डीएम से बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और ट्रीटमेंट के लिए उनकी ओर से अब तक क्या-क्या काम किए गए हैं? उसकी विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. जिस पर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गयी, लेकिन कोर्ट उस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुई. कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए सरकार से स्पष्ट जवाब पेश करने को कहा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि सरकार इस मामले में लापरवाही बरत रही है. भूस्खलन क्षेत्र का अभी तक कई बार मंत्रियों, अधिकारियों ने निरीक्षण किया, लेकिन भूधंसाव को रोकने का कोई ठोस उपाय नहीं किया.
ये भी पढ़ेंःजोशीमठ की तरह खतरे में नैनीताल का अस्तित्व! बलिया नाला में लगातार हो रहा भूस्खलन

दरअसल, नैनीताल के अधिवक्ता सैयद नदीम मून ने साल 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि नैनीताल के आधार कहे जाने वाले बलियानाले में भूस्खलन हो रहा है. जिससे नैनीताल और इसके आस पास रह रहे लोगों पर खतरा मंडरा रहा है. लिहाजा, नैनीताल के अस्तित्व और लोगों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. ताकि, भूस्खलन को रोका जा सके. अब इस पूरे मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details