नैनीतालःउत्तराखंड में रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में लोगों को खनन की अनुमति देने से जुड़ी याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार से एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. इतना ही नहीं अगर एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश नहीं किया है तो 25 हजार रुपए का जुर्माना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करना होगा.अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी.
उत्तराखंड रिजर्व फॉरेस्ट में खनन अनुमति मामले पर सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब - Uttarakhand Reserve Forest Area
Uttarakhand Reserve Forest Area में निजी लोगों को खनन की अनुमति देने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले में सरकार को एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. जवाब न मिलने पर सरकार को जुर्माना भरना होगा.
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By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Sep 4, 2023, 6:20 PM IST
गौर हो कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार से चार हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा था, लेकिन आज तक जवाब पेश नहीं किया. जिस पर कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते की मोहलत और दे दी है. दरअसल, बाजपुर निवासी रमेश कंबोज ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में खनन का काम निजी लोगों को दे दी है. इसमें ये लोग मानकों के अनुरूप खनन नहीं करते हैं. जो हाईकोर्ट की ओर से साल 2014 में दिए गए आदेश के खिलाफ है.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार रिजर्व फॉरेस्ट में खनन काम निजी लोगों को नहीं दे सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक होती है और सरकारी एजेंसियां ही खनन कर सकती है. साल 2015 में राज्य सरकार की विशेष अपील सुप्रीम कोर्ट से निरस्त हो गई थी. राज्य सरकार इस आदेश के बाद भी निजी लोगों को रिजर्व फॉरेस्ट में खनन के पट्टे दे रही है, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.