नैनीताल: कालाढूंगी से बाजपुर के बीच किए जा रहे अवैध पेड़ों के कटान के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर लगातार सुनवाई कर रहा है. आज मामले में न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने पूर्व के आदेश का पालन न करने पर सेक्रेटरी फॉरेस्ट से पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए. आगामी 21 दिसंबर को कोर्ट को अवगत कराएं.
कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ों का अवैध कटान, HC ने सेक्रेटरी फॉरेस्ट से पूछा ये सवाल
Tree Cutting in Kaladhungi And Bajpur Road नैनीताल हाईकोर्ट कालाढूंगी से बाजपुर के बीच अवैध पेड़ कटान के मामले में सख्त रुख अपना रहा है. यही वजह है कि डीएफओ के बाद अब सेक्रेटरी फॉरेस्ट को घेरे में लिया है. इस बार पूर्व के आदेश का पालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई की बात कही है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Dec 14, 2023, 10:37 PM IST
बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने सेक्रेटरी फॉरेस्ट को आदेश दिया था कि साल 2006 का केंद्र सरकार का वनाधिकार अधिनियम तहत किन लोगों को इसका लाभ दिया जा सकता है या किन्हें नहीं? इसमें चार हफ्ते के भीतर अपना शपथ पत्र पेश करें, लेकिन अभी तक इस पर उनकी ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया. उनकी ओर से पेश किए गए शपथपत्र में जितने लोगों का लकड़ी चुगान करने में चालान किया गया, केवल उसी का जिक्र किया गया. जबकि, वनाधिकार अधिनियम 2006 का नहीं.
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मामले के अनुसार, नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने दिल्ली जाते समय उस क्षेत्र में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान का स्वतः संंज्ञान लिया था. जिस पर मामले की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ समेत अन्य अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था. मामले में हाईकोर्ट ने डीएफओ से पूछा था कि इन लोगों को लकड़ी चुगान का अधिकार किस नियम के तहत दिया गया? अभी तक कितने लोगों का चालान किया गया. इस संबंध में अपना ओरिजनल रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करें, लेकिन विभाग ओरिजनल रिकॉर्ड पेश करने में असफल रहा है.