नैनीताल: जिले के भवाली, हल्द्वानी और कालाढूंगी में लगाए जा रहे फूड वैनों के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की है. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने नैनीताल डीएम और ईओ नगर पालिका को निर्देश दिए हैं कि किस नियमावली के तहत इन्हें लाइसेंस दिया गया है? इनके लाइसेंसों की जांच कर दो हफ्ते के भीतर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.
इसके अलावा हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि फूड वैन एक जगह पर स्थिर न हो, इनको हर जगह चलता रहना चाहिए. जिनके लाइसेंस नहीं है, उनके लाइसेंस निर्गत करें और नगर पालिका उनके कूड़े को समय-समय पर हटाएं. मामले के अनुसार नैनीताल परिक्षेत्र में संचालित फूड वैनों के मामले में कोर्ट ने 16 फरवरी को स्वतः संज्ञान लेकर जिलाधिकारी और ईओ नगर पालिका से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था.
हाईकोर्ट ने ये भी बताने को कहा है कि जिस वाहन को फूड वैन बनाया गया है, उसका परमिट किसके लिए था? जिस पर आज जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. जहां कोर्ट ने डीएम से पूछा कि किस नियमावली के तहत फूड वैन लगाने की अनुमति दी गई? जिस पर नैनीताल डीएम ने कोर्ट को बताया कि उन्हें फूड वैन लगाने का लाइसेंस दिया गया है, लेकिन इसका मोटर यान अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं हैं.
वहीं, जनहित याचिका में कोर्ट ने फूड वैनों की ओर से पर्यटन स्थलों में गंदगी और शराब परोसे जाने का भी संज्ञान लिया है. कोर्ट ने ये भी संज्ञान लिया है कि फूड वैन मालिक वाहन के टायर निकालकर उसके आसपास झोपड़ी और पक्की दीवारें भी बनाने लगे हैं. इस पर वन विभाग और लोक निर्माण विभाग ध्यान नहीं दे रहा है. इसके अलावा फूड वैन एक जगह पर स्थिर होने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इसलिए इन्हें चलते रहना चाहिए.
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