नैनीतालः पौड़ी के सुमाड़ी में एनआईटी के स्थाई कैंपस निर्माण पर संशय बरकरार है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए 4 महीने के भीतर एनआईटी के स्थाई कैंपस के निर्माण को लेकर फैसला तय करें. साथ ही सरकार को निर्देश दिए हैं कि हाई कोर्ट के निर्देशों के आधार पर ही एनआईटी कैंपस का निर्माण करें. वहीं, कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार व एनआईटी कॉलेज पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही जुर्माने की राशि घायल छात्रा को देने को कहा है.
होई कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार की सुविधा के लिए किसी भी कैंपस का निर्माण नहीं किया जा सकता है. कैंपस का निर्माण छात्रों की सुविधा के अनुरूप किया जाना चाहिए. उत्तराखंड में एनआईटी कैंपस का निर्माण छात्रों के विकास के लिए नहीं, बल्कि सरकार की विकास के लिए हो रहा है. साथ ही कहा है कि 2021 तक अस्थाई कैंपस में सभी तरह की सुविधाएं दी जाएं. इतना ही नहीं सुमाड़ी कैंपस निर्माण के लिए जारी राशि को निरस्त कर दिया है.
बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि कॉलेज को बने हुए 9 साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन आज तक एनआईटी कोई स्थाई कैंपस नहीं मिल पाया है. जिसे लेकर छात्रों ने प्रदर्शन भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. छात्र अपनी जान हथेली पर लेकर जर्जर बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं, जहां पर कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.
ये भी पढ़ेंःरिटायरमेंट से पहले ETV BHARAT से बोले मुख्य सचिव, उत्तराखंड का हर प्रोजेक्ट उनके दिल के करीब