नैनीतालःउत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिज्लवाण संकट में आ सकते हैं. दरअसल, नैनीताल हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि, नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगे वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
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दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिज्लवाण संकट में आ सकते हैं. दरअसल, नैनीताल हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत की थी कि उनके द्वारा करोड़ों रुपए की अनियमितता की गई है. जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए गढ़वाल कमिश्नर को जांच के निर्देश दिए थे.
याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके खिलाफ यह शिकायत केवल राजनीतिक दुर्भावना से की गई है और उनके द्वारा किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं की गई, लिहाजा उनके खिलाफ सचिव पंचायती राज द्वारा कराई जा रही जांच पर रोक लगाई जाए. उनका ये भी कहना है कि अनियमितता के मामले को लेकर राज्य सरकार पहले ही उन्हें क्लीन चिट देते हुए जांच वापस ले चुकी है.
वहीं, मामले में मुख्य स्थायी अधिवक्ता (CSC) ने कोर्ट को बताया कि एक मामले में राज्य सरकार द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ चल रही जांच को वापस लिया गया है. लेकिन 14 दिसंबर 2020 को उत्तरकाशी के 5 अन्य लोगों ने सचिव पंचायती राज को शिकायती पत्र देकर अध्यक्ष पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी. जिस पर सचिव पंचायती राज ने प्रारंभिक जांच के निर्देश दिए हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका अपरिपक्व है, लिहाजा जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका को खारिज किया जाए.
मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. अब उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.