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रुड़की में युवक की मौत पर बवाल मामले की HC में सुनवाई, कोर्ट ने खारिज की याचिका - न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ

नैनीताल हाईकोर्ट ने रुड़की के बेलड़ा गांव में एक युवक की मौत के बाद उपजे बवाल और पत्थरबाजी मामले में सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने हरिद्वार एसएसपी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया. जिसमें बताया गया कि युवक का मर्डर नहीं, बल्कि एक्सीडेंट में मौत हुई थी. गुस्साए लोगों ने पत्थरबाजी की, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.

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रुड़की में पत्थरबाजी

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Published : Jun 16, 2023, 5:18 PM IST

नैनीतालः रुड़की के बेलड़ा गांव में युवक की मौत के बाद उपजे बवाल से जुड़ी एक शिकायत पर नैनीताल हाईकोर्ट ने कल स्वत संज्ञान लिया था. जिस पर आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई की. खंडपीठ ने हरिद्वार एसएसपी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. बीती रोज कोर्ट ने इनसे घटना का मौका मुआयना कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था.

गौर हो कि बीते रोज यानी 15 मई को रुड़की की एक छात्रा नगमा कुरैशी ने मुख्य न्यायधीश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक शिकायत की. जिसमें नगमा का कहना था कि रुड़की के बेलड़ा गांव में एक युवक की हत्या कर दी गई. जिसकी वजह से वहां तनाव का माहौल हो गया और भीड़ ने लोगों के साथ मारपीट की. साथ ही आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया. मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, न ही घायलों के इलाज के लिए थाने से उन्हें पर्ची दे रही है. जिसकी वजह से अस्पताल में उनका इलाज नहीं हो पा रहा है.
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वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर आज हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. रिपोर्ट में कहा गया कि वहां किसी युवक का मर्डर नहीं हुआ था. जिस युवक की मौत हुई, उसका एक्सीडेंट हुआ था. पुलिस ने 108 में भेजकर उसका इलाज करवाया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. शव का पंचनामा करते वक्त गांव के करीब 150 लोग थाने में आकर धरना प्रदर्शन करने लगे.

इसके अलावा उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को ये भी बताया है कि लोगों ने पुलिस के साथ मारपीट के साथ पत्थरबाजी भी की. इतना ही नहीं उन्होंने गांव में भी मारपीट और आगजनी की. ऐले में बेलड़ा गांव में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए धारा 144 लगानी पड़ी. इस मामले में पुलिस ने 150 अज्ञात और 14 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं, हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका को खारिज कर दिया.
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