नैनीतालःउत्तराखंड समाज कल्याण विभाग में वित्तीय गड़बड़ी के मामले में सजा काट रहे समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक (निलंबित) कांतिराम जोशी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने कांतिराम को जमानत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही मामले में राज्य सरकार को विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. कांतिराम जोशी की जमानत मामले पर अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.
बता दें कि कांतिराम जोशी के खिलाफ साल 2019 में थाना कोतवाली टिहरी में शासन के आदेश के बाद गबन का मुकदमा दर्ज किया गया था. गबन के इस मामले में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगाते हुए न्यायालय में दाखिल कर दी थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट टिहरी ने पुलिस की अंतिम जांच आख्या को निरस्त करते हुए कांतिराम जोशी के खिलाफ वारंट जारी करते हुए न्यायालय में तलब किया.
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कांतिराम जोशी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट टिहरी में 10 फरवरी 2023 को जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए उसे जेल भेज दिया था. कांतिराम जोशी के खिलाफ विजिलेंस सेक्टर देहरादून की ओर से भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले की विवेचना सर्तकता अधिष्ठान देहरादून की ओर से की जा रही है.
क्या था आरोपःगौर हो कि सरकारी धन के गबन के मामले कांति राम जोशी जेल में बंद हैं. उन पर टिहरी में छात्रवृत्ति में गड़बड़ी समेत कई आरोप हैं. साल 2010-2011 और साल 2012-2013 तक कांतिराम जोशी जिला समाज कल्याण अधिकारी टिहरी के पद पर रहे. आरोप है कांतिराम जोशी ने 7 लाख 420 रुपए की खर्च का ब्यौरा नहीं दिया.
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यह धनराशि उनकी ओर से शिविर आदि में व्यय होना बताया गया. जबकि, यह विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की धनराशि थी. जिसे नियमों के खिलाफ परिवर्तित कर अन्य योजनाओं में खर्च किया गया. इसके आधार पर कांतिराम जोशी को आरोपी करार दिया गया. बीती 20 फरवरी 2023 को उन्हें सहायक निदेशक से निलंबित कर दिया गया. इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश टिहरी की अदालत ने कांतिराम जोशी के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था.