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रामनगर के स्टोन क्रशर पर HC ने लगाई रोक, राज्य सरकार और UKPCB से मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट ने रामनगर के पापड़ी गांव में स्टोन क्रशर मामले पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक स्टोन क्रशर पर रोक लगाई है. अब मामले की सुनवाई 27 जुलाई को होगी, लेकिन इससे पहले उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य सरकार को जवाब कोर्ट में पेश करना होगा.

Nainital High Court Bans Stone Crusher
रामनगर के स्टोन क्रशर पर HC ने लगाई रोक

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Published : May 25, 2023, 8:38 PM IST

नैनीतालः रामनगर के पापड़ी गांव में लगाए जा रहे स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने फिलहाल स्टोन क्रशर पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही मामले में राज्य सरकार और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 4 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

दरअसल, हल्द्वानी के रोहन चंद्रावती ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने नैनीताल के रामनगर के ग्राम पापड़ी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति के बिना स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दी है. जिसमें नियमों को ताक पर रखा गया है. इतना ही नहीं यह हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ भी है.

इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि बिना पीसीबी की जांच के किसी भी स्टोन क्रशर का लाइसेंस जारी न करें. उसके बाद भी राज्य सरकार ने ग्राम पापड़ी में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दे दी. यह क्षेत्र नदी से 500 मीटर की कम दूरी पर है. एनजीटी ने भी कहा है कि स्टोन क्रशर नदी और नालों से 500 मीटर की दूरी पर होने चाहिए.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार ने अपने ही शासनादेश में कहा है कि स्टोन क्रशर नदी से 500 मीटर और नालों से 50 मीटर की दूरी पर होना चाहिए. जो एनजीटी के नियमों के खिलाफ है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए. जहां पर यह स्टोन क्रशर लगाया जा रहा है, उस जगह पर करीब सौ साल पुराना एक बरसाती नाला है. जो आबादी क्षेत्र से 50 मीटर की दूरी पर स्थित है. जिसे इसके मालिक ने बंद कर दिया. जिसकी वजह से इस क्षेत्र में बाढ़ की आंशका बढ़ गई है.

याचिकाकर्ता ने बताया कि पीसीबी की नियमावली और हाईकोर्ट के आदेश में स्पष्ट किया है कि कोई भी स्टोन क्रशर शांत एरिया में दिन के समय 50dB और रात में 10 बजे के बाद 40dB, आबादी क्षेत्र दिन में 55dB, रात में 10 बजे के बाद 45dB, वाणिज्य क्षेत्र दिन में 65dB और रात में 10 बजे के बाद 57dB तो औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75dB व रात के समय 70dB यानी डेसिबल का प्रावधान है.

यह क्षेत्र फलपट्टी और आबादी वाला है. उसके बाद भी सरकार ने बिना पीसीबी को साथ लिए इसकी अनुमति दे दी. जिस पर रोक लगाई जाए. क्योंकि, यह हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई. अब मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

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