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बदहाल क्वॉरंटाइन सेंटर्स को लेकर सख्त हुआ हाईकोर्ट, निरीक्षण के लिए नियुक्त किये जिला विधिक प्राधिकरण सचिव - quarantine center condition in uttrakhand

हाईकोर्ट ने आज प्रदेश के सभी जिलों के जिला विधिक प्राधिकरण के सचिवों को को आदेश दिए हैं कि वो प्रदेश के सभी क्वॉरटाइन सेंटरों का निरीक्षण कर वास्तविक विस्तृत रिपोर्ट 3 दिन में कोर्ट में पेश करें.

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बदहाल क्वॉरेंटाइन सेंटर्स को लेकर सख्त हुआ हाईकोर्ट

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Published : May 27, 2020, 3:13 PM IST

Updated : May 27, 2020, 3:18 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने बदहाल क्वॉरंटाइन सेंटरों के निरीक्षण के लिए जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव को नियुक्त किया है. नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव को क्वॉरंटाइन सेंटर में खाने की गुणवत्ता सुधारने और सेंटरों में साफ-सफाई रखने का भी आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को भी कहा है.
उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों के लिए बनाए गए क्वॉरंटाइन सेंटरों की बदहाली के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने आज प्रदेश के सभी जिलों के जिला विधिक प्राधिकरण के सचिवों को को आदेश दिए हैं कि वो प्रदेश के सभी क्वॉरटाइन सेंटरों का निरीक्षण कर वास्तविक विस्तृत रिपोर्ट 3 दिन में कोर्ट में पेश करें. साथ ही कोर्ट ने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिए हैं की सभी क्वॉरंटाइन सेंटरों में साफ-सफाई समेत खाने की व्यवस्था को सुधारें और सेंटरों के अपग्रेडेशन की विस्तृत रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करें.

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कोर्ट ने पिथौरागढ़ के क्वॉरंटाइन सेंटर में पुलिस अधिकारी के द्वारा प्रवासी से की गई बदसलूकी के मामले पर नाराजगी व्यक्त की. मामले में कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वो इस पुलिस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई कर रिपोर्ट दें.

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बता दें नैनीताल हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने राज्य के 6 जिला अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल के रूप में स्थापित किया है. मगर इन अस्पतालों में ICU वॉर्ड, वेंटीलेटर वॉर्ड समेत किसी भी तरह की सुविधा नहीं है. जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए सभी अस्पतालों में आईसीयू वॉर्ड समेत अन्य सुविधा की आपूर्ति जल्द से जल्द स्थापित करने के आदेश दिए थे.

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जिसके बाद हरिद्वार के सच्चिदानंद डबराल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रवासी लोगों की मदद दैवीय आपदा राहत और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत होनी चाहिए. लॉक डाउन में प्रभावित, जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में खाद्य सामग्री बांटने का काम एसडीएम, तहसीलदार, स्थानीय निकाय, क्षेत्र पंचायत,ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाना चाहिए ताकि जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री आसानी से पहुंचाई जा सके.

Last Updated : May 27, 2020, 3:18 PM IST

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