नैनीताल:उत्तराखंड के सबसे साफ पांच शहरों में नैनीताल (cleanest five cities of Uttarakhand) को भी शामिल किया गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल को उत्तराखंड में चौथा स्थान मिला है. जबकि नॉर्थ जोन रैंकिंग में नैनीताल को 113वां स्थान मिला है. जबकि साल 2021 में नॉर्थ जोन रैंकिंग में नैनीताल को 106वां स्थान मिला था. भले ही सरोवर नगरी को उत्तराखंड के सबसे साफ पांच शहर में शामिल किया गया हो, लेकिन पिछले साल की नॉर्थ जोन रैंकिंग के हिसाब से नैनीताल स्वच्छता में पिछड़ा है.
उत्तराखंड के स्वच्छ शहरों में नैनीताल को मिला चौथा स्थान, नॉर्थ जोन रैंकिंग में पिछड़ा - स्वच्छ शहरों में नैनीताल
प्रदेश में साफ सफाई के मामले में नैनीताल को चौथा स्थान मिला है. स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल शहर में 2021 की अपेक्षा गंदगी बढ़ी है. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (Nainital Municipality Executive Officer) अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में 11 पैरामीटर के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई. लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी और जनता की फीडबैक रिपोर्ट पालिका के विपरीत रही है.
स्वच्छता के मापन के लिए भारत सरकार की ओर से करीब 4320 शहरों का सर्वे किया गया था. जिसमें नगर निकायों की फील्ड सर्वे, कूड़ा रिसाइकिलिंग प्लांट, सिटीजन फीडबैक के भेजे गए दस्तावेज जैसे बिंदुओं से निर्धारण किया गया था. इसमें नैनीताल का प्रदर्शन पूर्व की अपेक्षा खराब रहा है. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (Nainital Municipality Executive Officer) अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में 11 पैरामीटर के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई. स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट में शहर की ड्रेनेज व्यवस्था, नालियों की साफ-सफाई, डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण, सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी और जनता की फीडबैक रिपोर्ट पालिका के विपरीत रही है.
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इसके अलावा रिपोर्ट में शहर की सड़कों, बाजार व आवासीय क्षेत्र में साफ-सफाई की व्यवस्था को ठीक माना है. केंद्रीय सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल का सौंदर्यीकरण कार्य बेहद प्रभावी ढंग से हो रहा है. जिसके चलते नैनीताल को उत्तराखंड के सबसे साफ शहरों में चौथा स्थान दिया गया है. अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि पालिका के कूड़ा निस्तारण की खराब व्यवस्था और कर्मियों की काम में लापरवाही के चलते नैनीताल का सर्वेक्षण में पिछड़ने का कारण माना जा रहा है.