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हेलीसेवा की टेंडर प्रक्रिया पर HC ने अग्रिम आदेश तक लगाई रोक, 7 मई को होगी सुनवाई

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Published : May 2, 2019, 12:52 PM IST

नैनीताल हाईकोर्ट ने हेली टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. इसके लिए कोर्ट ने 7 मई अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही दायर याचिका में कोर्ट सुनवाई करके ही टेंडर प्रक्रिया से रोक हटा सकता है.

नैनीताल हाईकोर्ट.

नैनीताल: बद्रीनाथ-केदारनाथ हेली सेवा की टेंडर प्रक्रिया पर नैनीताल हाई कोर्ट ने एक बार फिर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायधीश आलोक सिंह की एकलपीठ ने पूर्व में दिए गए आदेश को आगामी 7 मई तक बढ़ा दिया है. वहीं, इस मामले की अगली सुनवाई 7 मई को निर्धारित की गई है.

बता दें कि देहरादून की आरडी ग्रुप ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 2015 के आपदा के बाद बद्रीनाथ और केदारनाथ में यातायात व्यवस्था को सुचारु करने के लिए 14 हेली कम्पनियों को हेलीपैड बनाने की अनुमति दी गई थी. इन कम्पनियों ने 14 हेलीपैड बनाए, जिसमें चार हेलीपैड सरकार द्वारा बनाए गए थे. सरकार ने 2016 में एक शासनादेश जारी कर किया इसके अनुसार, मन्दाकिनी वैली में एक बार में 6 से अधिक हेलीकॉप्टर सुरक्षा की दृष्टि से उड़ान नहीं भरेंगे. साथ ही भविष्य में कोई नए हेलीपैड निर्माण की भी अनुमति नहीं दी जाएगी.

जानकारी के अनुसार, अभी यहां 18 हेलीपैड पहले से ही बने हुए हैं, लेकिन इन 14 कम्पनियों के अलावा 4 अन्य हेली कम्पनियों ने मन्दाकिनी वैली में 4 नए हेलीपैड बना दिए हैं, जिसकी शिकायत जिला अधिकारी ने सरकार से की. लेकिन, सरकार ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और 5 फरवरी 2019 को सरकार ने बद्री-केदार में हेली सेवा सुचारु करने के लिए 14 हेली कम्पनियों के टेंडर प्रक्रिया के लिए आमंत्रित किया है.

वहीं, सचिव उड्डयन ने इस निविदा को 16 फरवरी 2019 में संशोधित कर उन 4 कम्पनियों को भी बैकडोर से शामिल कर दिया. इसके आदेश के बाद वहां अवैध रूप से हेलीपैड बना दिए थे. जिसके बाद इस टेंडर प्रक्रिया को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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