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नैंसी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा, मारपीट समेत गंभीर आरोप लगाए

नैंसी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं (naincy Nursing College students) ने हंगामा कर कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया है. विवाद इतना बढ़ गया था कि पुलिस को बीच में आना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ. नैंसी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं (Naincy College of Nursing students) ने कॉलेज प्रबंधन पर मारपीट का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया (protest against college management) था.

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नैंसी नर्सिंग कॉलेज

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Published : May 2, 2022, 1:20 PM IST

नैनीताल:नैंसी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं (Naincy College of Nursing students) ने कॉलेज प्रबंधन पर मारपीट की आरोप लगाया है. साथ ही आरोप है कि निजी जानकारियां हासिल करने के लिए प्रबंधन के कुछ लोगों ने छात्राओं के मोबाइल से छेड़खानी की है. इन्हीं सब मामलों को लेकर नैनीताल के नैंसी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया (protest against college management) है.

छात्राओं ने सुबह से कॉलेज परिसर में खाने की गुणवत्ता, साफ सफाई की व्यवस्था और नए पाठ्यक्रम की किताब न देने समेत अन्य विवादों पर प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. दिनभर छात्राओं का प्रदर्शन कॉलेज में चलता रहा. कॉलेज में हो रहे छात्राओं के प्रदर्शन की सूचना पर ज्योलीकोट चौकी से पुलिस बल मौके पर पहुंचा और छात्राओं को शांत कराया. इस दौरान छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया.
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छात्राओं का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन (naincy Nursing College) के द्वारा बीते कुछ समय से नए नियम बनाकर उन्हें 5 बजे से एक्स्ट्रा एक्टिविटी करवाई जा रही है. इससे छात्राओं की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है, जिसको लेकर उनके द्वारा प्रबंधन से बात की गई तो प्रबंधन ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया. साथ ही हॉस्टल की चीफ वार्डन के द्वारा छात्राओं से निरंतर मारपीट की जाती है, जिससे छात्राएं परेशान हैं. अगर कोई छात्रा मारपीट का विरोध करती है तो उसे कॉलेज और हॉस्टल से निष्कासन की धमकी दी जाती है. इस वजह से छात्राएं चुप रहने को मजबूर हैं.

छात्राओं का कहना है कि प्रबंधन के द्वारा छात्राओं के मोबाइल प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही छात्राओं के घूमने फिरने पर भी रोक लगा दी है, जिस वजह से उन्हें ये प्रदर्शन करना पड़ा. इसके अलावा प्रबंधन द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से क्लास में अनुपस्थित रहने वाली छात्राओं पर प्रति दिन 500 रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है. छात्राओं के लिए कॉलेज में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था तक नहीं है. अगर कोई छात्रा बीमार होती है तो हॉस्टल की छात्राएं उसे कंधों पर उपचार के लिए ले जाती हैं. हॉस्टल में एक कमरे में 10 से 12 छात्राओं को रखा गया है, जिससे छात्राएं काफी परेशान हैं. छात्राओं ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि अगर उनके द्वारा अपनी समस्याओं को अपने घर या किसी अन्य लोगों से कही जाती है तो प्रबंधन छात्राओं को निलंबित करने की धमकी देता है.
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नैंसी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने ज्योलीकोट चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार को दिए बयान में कहा कि हॉस्टल की चीफ वार्डन प्रीति लगातार छात्राओं के साथ मारपीट कर रही हैं. विरोध करने पर उन्हें कॉलेज से निष्कासन की धमकी दे रही हैं जिससे छात्राएं मानसिक रूप से परेशान हैं. इस दौरान छात्राओं ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कॉलेज के कुछ शिक्षक उनके मोबाइल जमा कर उनके चैट पढ़ते रहे हैं और उनकी व्यक्तिगत ज़िन्दगी के बारे में हस्तक्षेप कर रहे हैं. दिनभर चले छात्राओं के हंगामे का अब वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमे कॉलेज की कई महिला कर्मी व छात्राएं आपस में धक्कामुक्की करते भी नजर आई.

बच्चों से मिलने पहुंचे परिजनों ने भी लगाए प्रबंधन पर आरोप:कॉलेज में अपने बच्चों से मिलने पहुंचे परिजनों ने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी फीस लेने के बाद भी प्रबंधन द्वारा बच्चों को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. परिजनों का कहना है कि अगर उन्हें पहले से इस बारे में जानकारी होती तो अपने बच्चों को यहां एडमिशन नहीं कराते. छात्रों के प्रदर्शन के बाद मचे बवाल पर कॉलेज के एमडी आईपी सिंह का कहना है कि छात्राओं के द्वारा प्रबंधन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. छात्राओं को कॉलेज में सभी सुविधाएं दी जा रही हैं. हालांकि बीते सप्ताह छात्राओं को फिट रखने के लिए उन्हें 5 बजे उठाने का फैसला किया था. ताकि छात्राएं एक्स्ट्रा एक्टिविटी कर फिट रहें. अगर छात्राएं इसका विरोध कर रही हैं तो उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा.

छात्राओं के प्रदर्शन के मामले पर ज्योलीकोट चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार का कहना है कि छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन से अपनी मांगें पूरी करने को लेकर प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और छात्राओं की प्रबंधन से वार्ता की.

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