हल्द्वानी: कई पर्वों पर अक्सर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिल जाती है, जो समाज में सौहार्द भाव को बढ़ाता है. कुछ ऐसा ही हल्द्वानी जेल में भी देखने को मिला. यहां मुस्लिम कैदियों ने नवरात्रि का उपवास और रोजा रखकर भाई-चारे का संदेश दिया.
हल्द्वानी जेल में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, मुसलमान कैदी ने रखा नवरात्रि का व्रत तो हिंदू कैदियों ने रखे रोजा - सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
हल्द्वानी जेल में एक मुस्लिम बंदी ने नवरात्रि के व्रत रखे हैं. दो हिंदू बंदियों ने रोजा रखकर भाई चारे का संदेश दिया है. जेल प्रशासन दोनों कैदियों की हरसंभव मदद कर रहा है.
नवरात्रि के साथ रमजान के पवित्र माह में लोग आस्था के अनुरूप व्रत या रोजा रख रहे हैं. हल्द्वानी उप कारागार भी इससे अछूता नहीं है. वहीं जेल में सजायाफ्ता कैदी और बंदी नवरात्रि का उपवास और रोजा रखकर भाई-चारे का संदेश दे रहे हैं. हल्द्वानी उप कारागार में 17 सौ बंदी हैं, जहां नवरात्रि और रमजान के इस पवित्र माह में फलाहार संग इफ्तार का मेल कर आपसी सौहार्द का संदेश दे रहे हैं. यही नहीं जेल के बंदी एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करते हुए इस त्यौहार में एक दूसरे की मदद भी कर रहे हैं.
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जेल अधीक्षक प्रमोद पांडे ने बताया कि हल्द्वानी जेल में 210 बंदी ऐसे हैं, जो नवरात्रि के व्रत रख रहे हैं. जबकि 230 बंदी रोजा रख रहे हैं. उनके लिए जेल प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं की हैं. यही नहीं जेल में एक मुस्लिम बंदी ऐसा है, जिसने नवरात्रि में 9 दिन का व्रत भी रखा है. जबकि दो हिंदू बंदियों ने रमजान के इस पवित्र माह में रोजा भी रखा है. जेल प्रशासन व्रत व रोजा रखने वाले बंदियों को फल, खजूर, दूध, आलू, दही, नींबू सहित अन्य खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध करा रहा है. मुस्लिम कैदी नवरात्रि पर्व पर जेल परिसर में मंदिर में आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम में भी भाग ले रहे हैं. मुस्लिम कैदी सामूहिक रूप से रोजा का इफ्तार भी कर रहे हैं. जबकि दो हिंदू बंदी मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार रोजा रख अल्लाह की इबादत भी कर रहे हैं. जेल अधीक्षक मनोज पांडे ने बताया कि जेल में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं.