हल्द्वानी:'आम के आम गुठलियों के दाम' के दाम वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी. इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं हल्द्वानी के नरेंद्र मेहरा, जो मशरूम के वेस्ट से आर्गेनिक खाद तैयार कर रहे हैं. साथ ही अन्य किसानों को भी जागरूक कर रहे हैं.
मशरूम की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. किसान मशरूम उत्पादन के बाद उसके वेस्ट (सड़े भूसे) को इधर-उधर फेंक देते हैं. हल्द्वानी में अभी तक मशरूम का वेस्ट सिर्फ प्रदूषण फैलाने का काम करता था, लेकिन नरेंद्र इस वेस्ट को रिसाइकिल कर ऑर्गेनिक खाद तैयार कर रहे हैं.
गौलापार के प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा बताते हैं कि मशरूम की खेती करने वाले किसान उसके के वेस्ट को फेंक देते हैं, जो खेतों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा था. ऐसे में उन्होंने आसपास के मशरूम उत्पादों के वेस्ट को इकट्ठा कर उसे डीकंपोज कर ऑर्गेनिक खाद तैयार कर रहे हैं.