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शीतकालीन सत्र: MP अजय भट्ट ने सदन में उठाया क्षेत्रीय भाषा का मुद्दा, आठवीं सूची में शामिल करने का रखा प्रस्ताव - लोकसभा का शीतकालीन सत्र

सांसद अजय भट्ट ने शुक्रवार को सदन में तीन बिलों को अपने विचार रखें. जिसमें से पहला प्रस्ताव उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा का राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने का था.

MP Ajay bhatt

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Published : Nov 22, 2019, 11:24 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 12:07 AM IST

हल्द्वानी: संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को नैनीताल से बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने सदन में उत्तराखंड को लेकर कई प्रस्ताव रखे. जिसमें से एक उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा (कुमाऊंनी और गढ़वाली) को राष्ट्रभाषा को दर्जा मिलने का प्रस्ताव था. जिस पर सदन ने स्वीकार कर लिया. इसके अलावा सांसद अजय भट्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता का भी प्रस्ताव सदन में रखा.

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शुक्रवार को सांसद अजय भट्ट ने सदन में तीन महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक को टेबल पर रखते हुए अपने विचार व्यक्त किए. तीनों बिल सदन में स्वीकार किए गए. जिसमें से एक उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा (कुमाऊंनी और गढ़वाली) को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का प्रस्ताव सदन में रखा था. ताकि इन दोनों भाषाओं को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिल सके. उन्होंने कहा कि कुमाऊंनी और गढ़वाली भाषाओं के विकास के लिए एक अकादमी की स्थापना की बात भी रखी.

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इसके बाद अजय भट्ट ने समान नागरिक संहिता कानून पर जोर देते हुए कहा कि यह बेहद आवश्यक है. तीसरे बिल जनसंख्या नियंत्रण विधायक पर था. जिस पर भट्ट ने कहा कि भविष्य की समस्याओं को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण विधायक बनाने पर जोर दिया.

Last Updated : Nov 23, 2019, 12:07 AM IST

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