हल्द्वानी:हल्द्वानी पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि साल 2024 तक उत्तराखंड को टीबी मुक्त हो जाएगा. जिसके तहत टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास धरातल पर नजर आने लगे हैं. टीबी रोगियों की सेवा के लिये प्रदेश में हजारों लोगों ने आगे आकर भागीदारी निभाई है. इसके अलावा उत्तराखंड के प्रत्येक गांव और घर को सत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड से जोड़ने के लिए कार्य चल रहा है, जिसका नतीजा है कि उत्तराखंड के 600 से अधिक गांव आयुष्मान गांव बन चुके हैं.
उत्तराखंड के 800 से अधिक गांव हुए टीबी मुक्त, 600 गांव बने आयुष्मान गांव - Health Minister Dhan Singh Rawat
Health Minister Dhan Singh Rawat स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड टीबी उन्मूलन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रदेश के 800 से अधिक गांव टीबी मुक्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्य में सभी लोगों की सहभागिता रही है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 13, 2023, 7:33 AM IST
|Updated : Oct 13, 2023, 9:10 AM IST
धन सिंह रावत ने कहा कि अब इन गांवों को आयुष्मान गांव घोषित करने जा रहे हैं. जिसके लिए भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है और इन गांवों को आयुष्मान गांव घोषित करने के लिए भारत सरकार सर्टिफिकेट देगी. इसके अलावा लोगों को आभा आईडी से भी जोड़ा जा रहा है.उन्होंने कहा कि सभी गांव के लोगों को शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड से जोड़ा जा रहा है कि जिससे कि लोग मुफ्त इलाज योजना का लाभ उठा सके. जिसका नतीजा है कि आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में उत्तराखंड को केंद्र सरकार से दो अवार्ड मिले हैं.
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उन्होंने कहा कि राज्य को साल 2024 तक टीबी मुक्त बनाना है, जिसका नतीजा है कि 800 से अधिक गांव टीवी मुक्त गांव हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि 1000 गांव टीबी मुक्त हो जाने पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा उसे गांव के जनप्रतिनिधियों स्वास्थ्य अधिकारियों वहां की आशा कार्यत्रियों को सम्मानित करने का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि निक्षय मित्रों की मदद से सूबे में 18 हजार से अधिक लोग टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं.टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है. जनप्रतिनिधि हो या आम आदमी सभी लोगों इसमें अपनी सहभागिता निभा रहे हैं. बहुत से लोग टीबी रोगियों को गोद लेकर टीबी मुक्त अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं.