हल्द्वानीः पहाड़ के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से 80 के दशक में केंद्रीय उद्योग मंत्रालय और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने भीमताल में सिडकुल की स्थापना की थी. लेकिन आज भीमताल स्थित औद्योगिक क्षेत्र वीरान हो चुका है. अब इन जमीनों पर भू माफिया नजर टिकी हुई हैं. भूमाफिया जमीन को खुर्द खुर्द भी कर रहे हैं. ऐसे में स्थानीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने वीरान हो रहे सिडकुल को फिर से बसाने की गुहार सरकार से लगाई है. ताकि, स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके.
एनडी तिवारी के प्रयासों से रखी गई सिडकुल की नींवःगौर हो कि 80-90 के दशक में उत्तर प्रदेश के समय में भीमताल और उसके आस पास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने और पहाड़ से पलायन रोकने के लिए भारत सरकार की ओर से सिडकुल की नींव रखी गई थी. तत्कालीन केंद्रीय उद्योग मंत्री एनडी तिवारी के प्रयासों से सिडकुल की स्थापना भी हुई. उस दौरान भीमताल की औद्योगिक घाटी में कई नामी कंपनियों का आगमन शुरू हुआ, जिससे विकास की एक नई उम्मीद जगी.
वीरान नजर आ रहा औद्योगिक क्षेत्रःइतना ही नहीं सिडकुल स्थापित होने से हजारों परिवारों को रोजगार भी मिला, लेकिन धीरे धीरे कंपनियां सब्सिडी डकार कर अपने उद्योगों को बंद कर यहां से चलती बनी. कभी हजारों लोगों को रोजगार देने वाली सिडकुल की कंपनियों के ऑफिस अब वीरान खंडहरों में तब्दील हो गए हैं. कई एकड़ में फैली इस जमीन पर आज घनी झाड़ियां उग गई हैं. इतना ही नहीं यह जगह असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गयी है.
ये भी पढ़ेंःसरकार की बेरुखी से बंद हुई फैक्ट्रियां, अधूरा रह गया एनडी तिवारी का सपना