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विश्व रक्तदान दिवस: आपके पांच मिनट से बच सकती है किसी की जिंदगी

रक्तदान को लेकर लोगों के मन में कई भ्रांतियां होती है. जिसका दूर होना बहुत जरुरी है. डॉक्टरों के मुताबिक एक बार रक्त देने के बाद 24 घंटे के अंदर उतना रक्त आपके शरीर में बनकर दोबारा से तैयार हो जाता है.

World Blood Donor Day

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Published : Jun 14, 2019, 12:09 PM IST

Updated : Jun 14, 2019, 12:37 PM IST

हल्द्वानी: विश्व रक्त दान दिवस पर सभी से रक्त दान करने की अपील की जाती है. लेकिन रक्त दान के प्रति लोगों में आज भी कई भ्रांतियां है. कई ऐसे लोग हैं जो रक्तदान कर दूसरों को जीवनदान दे रहे हैं. साथ ही अपने शरीर को भी स्वस्थ रख रहे हैं. हमारे द्वारा किया गया रक्त दान कई जिंदगियों को बचाता है. दुनिया में हजारों लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है कि क्योंकि उन्हें समय पर रक्त नहीं मिल पाता है. उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों में रक्त दान के प्रति जागरूकता नहीं है. इसी भ्रांतियों को दूर करने के लिए हर वर्ष 14 जून को विश्व रक्त दान दिवस मनाया जाता है.

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रक्त की कमी से हर साल 30 लाख लोगों की मौत
रक्तदान को ऐसे ही महादान नहीं कहा जाता है. दानकर्ता के लिए इसके कई फायदे हैं. साथ ही रक्त एक ऐसी चीज है, जिसका कोई विकल्प नहीं है. गंभीर बीमारी हो या दुर्घटना में रक्त की कमी के कारण भारत में हर साल 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है, जबकि इस कमी को मात्र एक फीसद आबादी रक्तदान कर पूरा कर सकती है.

विश्व रक्तदान दिवस

इसलिए मनाया जाता है विश्व रक्तदान दिवस
विश्व रक्तदान दिवस, शरीर विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त कर चुके वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य रक्तदान को प्रोत्साहित करना और उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है.

रक्तदान से जुड़ी अहम बातें
रक्तदान करने में केवल 5 मिनट का समय लगता है. एक दानकर्ता को मात्र 300 से 400 मिलीलीटर रक्त देना होता है, जो शरीर में मौजूद रक्त का 15वां भाग होता है. रक्तदान करने के लिए आप अपने नजदीक के सरकारी अस्पताल और रेडक्रास सोसायटी में जा सकते है. इसके अलावा शहर में कई ऐसे रजिस्टर्ड संस्थाएं हैं, जो लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरुक करती हैं.

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भ्रांतियां
रक्तदान को लेकर लोगों के मन में कई भ्रांतियां होती है. जिसका दूर होना बहुत जरुरी है. डॉक्टरों के मुताबिक एक बार रक्त देने के बाद 24 घंटे के अंदर उतना रक्त आपके शरीर में बनकर दोबारा से तैयार हो जाता है.

इस उम्र का व्यक्ति का सकता है रक्तदान
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 68 साल के बीच हो वह रक्तदान कर सकता है. उसका वजन 45 किलो से अधिक होना चाहिए. रक्तदान करने वाले व्यक्कि का हीमोग्लोबिन (वर्तनी में हेमोग्लोबिन और संक्षिप्त में एचबी या एचजीबी) 12 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए.

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सेहत पर रक्तदान का असर
लोगों का मानना है कि रक्तदान से शरीर कमजोर होता है, लेकिन ये बात सच नहीं है. रक्तदान करने के बाद आपका शरीर कमजोर नहीं पड़ता.
हल्द्वानी शहर के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों की बात करें तो यहां हर महीने 2000 से 2500 यूनिट रक्त की जरूरत होती है.

Last Updated : Jun 14, 2019, 12:37 PM IST

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