हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन और प्रदेश सरकार को खनन से सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला व नंधौर नदी से होने वाले खनन कार्य में देरी हो रही है. 1 अक्टूबर से खनन सत्र शुरू हो जाता है, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जिसके चलते खनन कार्य से जुड़े स्थानीय लोगों को रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है.फिलहाल विभाग का दावा है कि नदियों से जल्द खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
इस वजह से गौला और नंधौर नदी से नहीं हो पा रहा खनन, दोनों नदियां उगलती हैं सोना!
Haldwani Gaula River Mining इस सीजन में गौला और नंधौर नदी से खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इसकी वजह नदी का जलस्तर और मजदूरी की कमी बताई जा रही है. बताते चलें कि गौला और नंधौर नदी से खनन से सरकार को मोटा राजस्व प्राप्त होता है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 8, 2023, 12:38 PM IST
|Updated : Oct 8, 2023, 12:52 PM IST
आमतौर पर 1 अक्टूबर से प्रदेश की नदियों से खनन सत्र शुरू हो जाता है. लेकिन इस वर्ष खनन कार्य में देरी हो रही है.गौला और नंधौर नदी नदियों से होने वाले खनन कार्य से करीब 8 हजार वाहन और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन नदी में अधिक पानी होने के चलते इस बार खनन कार्य में देरी हो रही है. प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने बताया कि इस बार नदियों से खनन कार्य देरी हो रही है.उन्होंने बताया कि इस बार नदी में अधिक पानी होने और बाहर से मजदूर नहीं आने के चलते खनन कार्य में देरी हो रही है.
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वन विकास निगम और वन विभाग ने खनन की सभी तैयारियां पूरी कर ली है.नदी से होने वाले खनन कार्य का सीमांकन का कार्य कर लिया गया है. इसके अलावा खनन के लिए बनाए गए खनन निकासी गेट और कांटे को भी तैयार कर लिया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि नदी के पानी का जलस्तर कम होते ही खनन कार्य शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि दीपावली और छठ पूजा के बाद खनन से जुड़े मजदूर खनन करने आते हैं. ऐसे में मजदूर की कमी भी खनन कार्य में देरी हो रही है. विभाग ने अपनी तरफ से सभी तैयारियां कर ली हैं, उम्मीद है कि जल्द खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा.