हल्द्वानी:उत्तराखंड सरकार को खनन से सबसे अधिक राजस्व की प्राप्ति होती है. शायद यही कारण है कि कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी में इस साल 30 जून तक खनन होगा. मॉनसून के मद्देनजर हर साल 31 मई तक नदी से खनन सामग्री की निकासी होती है, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि नदी से 30 जून तक खनन की अनुमति दी गई है. बताया जा रहा है कि नदी में अच्छी मात्रा में खनिज होने और राजस्व बढ़ाने के लिए यह शासन स्तर पर फैसला लिया गया है.
गौला नदी में खनन की अवधि एक महीने बढ़ाई गई, अब 30 जून तक होगी माइनिंग
राजस्व बढ़ाने के लिए गौला नदी पर खनन की अवधि बढ़ाई गई है. अब खनन कारोबारी 30 जून तक खनन निकासी कर सकेंगे. इससे पहले अधवि 31 मई तक थी.
अपर सचिव खनन लक्ष्मण सिंह की ओर से जारी आदेश में इस संबंध में अनुमति दी गई है. अपर सचिव खनन ने महानिदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म को पत्र लिखकर तहसील हल्द्वानी, लालकुआं के तराई पूर्वी वन क्षेत्र अंतर्गत गौला नदी में स्वीकृत खनन अवधि 31 मई से बढ़ाकर 30 जून तक करने के निर्देश दिए हैं. भूतत्व एवं खनिकर्म के अपर निदेशक राजपाल लेघा ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि जल्द ही गौला का नया लक्ष्य भी निर्धारित होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि इस बार नदी में अधिक मात्रा में खनिज होने के चलते शासन स्तर पर फैसला लिया गया है, जिससे कि अधिक मात्रा में खनिज निकासी के साथ सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सके. गौरतलब है कि गौला नदी से भारी संख्या में खनन के कारोबारी जुड़े हुए हैं. 30 जून तक अनुमति बढ़ने के बाद सरकार को राजस्व के साथ-साथ यहां के स्थानीय लोगों के रोजगार में भी वृद्धि होगी. बताया जा रहा है कि गौला नदी से निकलने वाले खनिज की निकासी इस बार 3 महीने देरी से हुई, जिसके चलते नदी से निकलने वाले खनिज लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है. इस कारण शासन स्तर पर समय बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
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