रामनगर:खनन माफिया हाईवे किंग व्हाट्सएप ग्रुप (highway king whatsapp group) से वन विभाग की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब टीम छापेमारी के लिए जाती थी तो खनन माफिया या तस्करों को पहले ही भनक लग जाती है. यही नहीं माफियाओं का नेटवर्क इतना सटीक है कि टीम के निकलने से पहले ही मैसेज तस्करों और खनन माफियाओं तक पहुंच जाते हैं. जो वनकर्मियों के लिए भी खतरा बना रहता है.
गजब: कार्रवाई से बचने के लिए खनन माफिया ने ईजाद की टेक्नोलॉजी, वन विभाग पर ही रखने लगे नजर
जब से रामनगर में नए डीएफओ कुंदन कुमार की तैनाती हुई है तब से अवैध खनन कारोबारियों पर वन विभाग (Ramnagar Forest Department) लगातार कार्रवाई कर रहा है. वहीं अवैध कारोबारियों का एक हाईवे किंग व्हाट्सएप ग्रुप सामने आया है, जिसमे वन विभाग के कर्मचारियों की हर गतिविधि को बोलकर या ग्रुप में लिखकर अन्य लोगों को सूचना दी जाती है.
वन विभाग तराई पश्चिमी द्वारा अवैध खनन (Ramnagar illegal mining ) के खिलाफ लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. जब से रामनगर में नए डीएफओ कुंदन कुमार की तैनाती हुई है तब से अवैध खनन कारोबारियों पर वन विभाग (Ramnagar Forest Department) लगातार कार्रवाई कर रहा है. लेकिन अवैध खनन में लिप्त कारोबारी फिर भी अवैध कार्य करने के लिए नए नए रास्ते निकाल रहे हैं. वहीं अवैध कारोबारियों का एक हाईवे किंग व्हाट्सएप ग्रुप सामने आया है, जिसमें वन विभाग के कर्मचारियों की हर गतिविधि को बोलकर या ग्रुप में लिखकर अन्य लोगों को सूचना दी जाती है. इसमें वन विभाग के कार्यालय के बाहर से इनके हैंडलर होते हैं और यह नेटवर्क पूरे क्षेत्र में फैला रहता है.
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जहां-जहां से वन विभाग के अधिकारी जाते हैं, ये हैंडलर इस हाइकिंग ग्रुप में इन अधिकारियों की हर गतिविधि को डाल देते हैं. जिससे अवैध कार्यों में लिप्त ये माफिया सचेत हो जाते हैं और कहीं ना कहीं इन सब चीजों से वन विभाग को भी खतरा बना हुआ है. वहीं इस संबंध में तराई पश्चिमी के डीएफओ कुंदन कुमार (DFO Terai West Kundan Kumar) का कहना है कि ऐसे ग्रुपों पर कार्रवाई करने को लेकर पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा जा रहा है. साथ ही ऐसे हाईवे किंग जैसे ग्रुपों की जांच के लिए साइबर सेल से भी संपर्क किया जा रहा है.