हल्द्वानी: विश्व मजदूर दिवस के दिन गौला नदी खनन से जुड़े हजारों मजदूरों को बड़ा झटका लगा है. गौला नदी से जुड़े हजारों मजदूरों की रोजी रोटी का जरिया गौला नदी के 7 गेटों को मानसून सत्र के लिए बंद कर दिया गया है. दरअसल, भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान संस्थान की टीम ने बीते दिनों गौला नदी का निरीक्षण किया था. इस दौरान टीम ने पाया कि नदी के 7 गेटों पर खनिज की मात्रा काफी कम हो गई है. खनन के दौरान खनिज के साथ मिट्टी भी निकल रही थी. इसपर टीम ने तत्काल सातों गेटों को मानसून सत्र तक के लिए बंद करने के निर्देश दिए हैं.
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कुमाऊं की लाइफ लाइन गौला नदी प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देती है. नदी के 11 खनन निकासी गेटों पर करीब 8 हजार वाहन खनन ढलान में लगे हुए हैं. इसके अलावा नदी में 20,000 से अधिक मजदूर खनन कार्य कर रहे हैं. पिछले मानसून सत्र के बाद यानी नवंबर से अबतक गौला नदी से केवल 32 लाख 96 हजार घन मीटर ही खनन हुआ है. जबकि सरकार हर साल 54 लाख घन मीटर खनन नदी से निकलावती है.