नैनीताल:उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में छात्रों से ली जा रही ज्यादा फीस का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश रवि मनोज तिवारी कि एकल पीठ ने सचिव चिकित्सा समेत राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह छात्रों की समस्या को सुनकर चार सप्ताह के अंदर छात्रों की शिकायत का निस्तारण करें.
बता दें कि प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के 300 छात्रों द्वारा याचिका दायर कर कहा गया है कि उत्तराखंड में राजकीय मेडिकल कॉलेजों के द्वारा एमबीबीएस के छात्रों से 4 लाख 25 हजार वार्षिक फीस ली जा रही है, जबकि उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के कॉलेजो में एमबीबीएस के छात्रों से 40 हजार एवं अधिकतम एक लाख रुपए वर्ष शुल्क लिया जाता है.
उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले 85% छात्र राज्य के ही हैं, इनमें से कई आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से हैं और सभी छात्र ऑल इंडिया नीट परीक्षा पास कर एमबीबीएस में चयनित हुए हैं, इसके बावजूद भी उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में छात्रों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है. जिससे छात्रों एवं उनके परिजन पर कर्ज के बोझ तले दबने के लिए मजबूर हैं.