नैनीतालः उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है और यहां कण-कण में देवी देवता निवास करते हैं. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता है नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में. देश भर के मंदिरों में भगवान शिव के महीने यानी सावन की धूम है, कई लोग कांवड़ लाकर भगवान भोले शंकर को खुश कर रहे हैं तो दूसरी ओर नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में भक्त न्याय के देवता गोलू देवता और शिव को दुग्ध स्नान करा रहे हैं. साथ ही भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि भगवान शिव और गोलू प्रदेश से दुख, आपदा समेत अन्य कष्टों को दूर करें.
नैनीताल के घोड़ाखाल में स्थित गोलू देवता के दरबार में सालभर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशभर से आने वाले पर्यटकों का भी तांता लगा रहता है. भक्त भगवान से अपनी मनोकामना पूरी करने की फरियाद लगाते हैं.
इसे गोल्ज्यू की महिमा ही कहें कि जिस किसी इंसान को कहीं से न्याय नहीं मिलता उसको गोलू देवता के दरबार में गुहार लगाने से न्याय मिलता है. जिस कारण गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है.
यही कारण है कि हर जगह से हारा इंसान गोल्ज्यू के दरबार में न्याय की गुहार लगाता है और भक्तों को मात्र एक बार इस दरबार में गुहार लगाने से न्याय जरूर मिलता है. इस दरबार में साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है.