हल्द्वानी: देशभक्ति का जज्बा और देश रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने का संकल्प सैन्य धाम उत्तराखंड के हर जवान का सपना रहता है. उत्तराखंड के नैनीताल जिले का लाल शहीद सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू देश रक्षा के खातिर शहीद हो गए. काठगोदाम के रानीबाग स्थित शीतला घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे, यशपाल आर्य समेत कई सैन्य अधिकारी मौजूद रहे. बीते गुरुवार को पेट्रोलिंग के दौरान यमुना प्रसाद पनेरू शहीद हो गए थे.
2001 में सेना में भर्ती हुए थे यमुना प्रसाद पनेरू
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के गोरापड़ाव ग्राम निवासी सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू 2001 में फौज में भर्ती हुए थे. सेना के साथ कदम से कदम मिलाकर मां भारती की रक्षा के अलावा उन्होंने कई और भी कीर्तिमान स्थापित किए थे. साल 2012 में 6 कुमाऊं में तैनात सूबेदार यमुना प्रसाद ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह कर वहां तिरंगा लहराया था. इसके अलावा नंदा देवी सहित अन्य पर्वतों पर चढ़ाई कर सेना का नाम रोशन किया.
पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए यमुना प्रसाद पनेरू
पिछले गुरुवार को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में पेट्रोलिंग के दौरान यमुना प्रसाद शहीद हो गए. अपने दिल में रिटायरमेंट के बाद माउंटेन ट्रेनिंग स्कूल खोलने का सपना देखने वाले यमुना प्रसाद पनेरू समय से पहले ही देश के लिए कुर्बान हो गए. शहीद यमुना प्रसाद अपने तीन भाइयों में मझले भाई थे. वह अपने पीछे पत्नी, एक 7 साल का बेटा और 5 साल की बेटी को छोड़ गए.