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मौत के बाद भी करोड़पति महिला को भी नहीं मिला वारिस, पुलिस ने ईसाई रीति रिवाज से कराया अंतिम संस्कार - Haldwani cancer victim millionaire Poonam dies

हल्द्वानी में कैंसर पीड़ित करोड़पति महिला की मौत के बाद उसके कई वारिस पैदा हो गए, लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट के सामने कोई भी अपना साक्ष्य पेश नहीं कर पाया. जिसके बाद मजिस्ट्रेट के निर्देश पर महिला का ईसाई धर्म के अनुसार दफनाया गया.

death of a millionaire woman in Haldwani
करोड़पति महिला को भी नहीं मिला वारिस

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Published : Nov 13, 2022, 1:29 PM IST

Updated : Nov 13, 2022, 2:00 PM IST

हल्द्वानी:काठगोदाम थाना क्षेत्र की रहने वाली एक करोड़पति महिला पूनम अलका सिंह की मौत हो गई. वहीं, पूनम के जीते जी उसको देखने के लिए कोई नहीं आया, लेकिन उसकी मौत के बाद उसके कई वारिस पैदा हो गए. हालांकि, खुद को वारिस बताने वाला कोई भी व्यक्ति अपने को महिला का वारिस साबित नहीं कर पाए. जिसकी वजह से पूनम के अंतिम संस्कार का हक न उसके कथित पुत्र सन्नी को मिला, ना खुद को पति बताने वाले डेनियल को. जिला प्रशासन ने महिला की संपत्ति को सीज करने के बाद उसका क्रिश्चियन धर्म के अनुसार दफनाया गया.

बता दें कि नैनीताल रोड काठगोदाम प्रेम कुटीर निवासी पूनम अलका सिंह (59) पुत्री प्रवीण चंद्र सिंह की 18 बीघा जमीन नाम पर थी. 1990 में उन्होंने सिख युवक से शादी की, जिससे युवक से उन्होंने शादी की उसकी पहले से एक शादी थी. पहली पत्नी से उसका एक बेटा भी था. वहीं, पूनम की शादी के तीन माह बाद ही उनके पति की हत्या कर दी गई. इसके बाद पूनम अलका ने राजू नाम के शख्स से दूसरी शादी कर ली. जो सालों से पंजाब में कार्यरत है.

पूनम अलका अपनी केयर टेकर पद्मा देवी के साथ हल्द्वानी में रहती थी. पिछले 2 सालों से कैंसर पीड़ित पूनम की पद्मा देखभाल कर रही थी. 8 नवंबर को पूनम की मौत हो गई. मौत के बाद पूनम के कई रिश्तेदार अचानक से पैदा हो गए. जो खुद को उनका वारिस बताने लगे. पूनम का कथित बेटा सनी और कथित पति राजू उर्फ डेनियल सहित कई लोग उसके रिश्तेदार पहुंचे. इन सभी के बीच पूनम का अंतिम संस्कार करने और संपत्ति को लेकर 3 दिनों तक विवाद चला.
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शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष सनी और राजू डेनियल साक्ष्य नहीं पेश कर पाए. खुद को राजू डेनियल बताने वाले का नाम आधार कार्ड में डेनियल युनुस मसीह था, जिसके चलते सिटी मजिस्ट्रेट ने उसके दावे को खारिज कर दिया. मामले में पादरी की गवाही भी हुई. पादरी ने बताया कि पूनम ने चर्च में सदस्यता ली थी. जिससे यह माना गया गया कि पूनम ने ईसाई धर्म अपना लिया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने पुलिस की निगरानी में पूनम का ईसाई रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराया. पादरी की मौजूदगी में पूनम के शव को दफनाया गया.

जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने काठगोदाम पुलिस को निर्देश दिए कि जब तक पूनम का असली वारिस नहीं मिलता, तब तक पूनम का घर और घर में रखे दो असलहे और अन्य सामान पुलिस की निगरानी में होंगे. इसके अलावा बैंक मैनेजर को आदेश दिए कि वारिस न मिलने तक बैंक खाते सीज कर दिए जाएं. इसके अलावा पूनम अलका के 18 बीघा जमीन को भी राजस्व विभाग को निगरानी के लिए दे दिया गया. ताकि जमीन पर कोई कब्जा ना कर सके.

Last Updated : Nov 13, 2022, 2:00 PM IST

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