हल्द्वानी: बारिश नहीं होने के चलते कुमाऊं मंडल में सूखे की स्थिति बन गई है. आलम यह है कि सिंचाई का सबसे बड़ा संकट पहाड़ों के असिंचित क्षेत्रों में देखा जा रहा है. जनवरी के बाद फरवरी माह में भी कुमाऊं में बारिश की बेरुखी रही. जनवरी में 21.5 एमएम बारिश ही दर्ज की गई, जहां सामान्य बारिश 40.7 एमएम होनी थी. संयुक्त निदेशक कृषि विभाग कुमाऊं मंडल प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष बारिश में भारी कमी देखी गई है. बारिश नहीं होने के चलते फसलों पर इसका असर देखा जा रहा है.
मौसम ने बढ़ाई टेंशन:प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में खेतों में थोड़ी नमी है. लेकिन बरसात नहीं हुई तो फसलों के लिए संकट खड़ा हो सकता है. उन्होंने कहा कि जनवरी माह में नैनीताल जनपद में सामान्य वर्षा 34.7 एमएल की तुलना में 20.3 वर्षा दर्ज की गई, जो 42% कम है. जबकि फरवरी माह में सामान्य वर्षा 90.7 की तुलना में 21.4 एवं दर्ज की गई, जो 76% कम रही.
बात उधमसिंह नगर की करें तो जनवरी माह में सामान्य वर्षा 20. 4 एमएम की तुलना में मात्र 12.8 एमएम हुई, जो 37 प्रतिशत कम रही. वहीं फरवरी माह में सामान्य वर्षा 38 एमएम की तुलना में 19.2 एमएम रही, जो 49 प्रतिशत वर्षा कम दर्ज की गई. बात अल्मोड़ा की करें तो जनवरी माह में सामान्य वर्षा 35.1 एमएम की तुलना में 19.5 एमएम बरसात दर्ज की गई जो 44% कम रहा. फरवरी माह में सामान्य 88.4 एमएम बरसात की तुलना में 20. 9 एमएम बरसात दर्ज की गई जो 76% कम रही. बात पिथौरागढ़ जनपद की करें तो जहां सामान्य वर्षा जनवरी माह में 48.4 एवं होनी थी, जिसके सापेक्ष में 15.6 एमएम वर्षा हुई, जो 68% कम दर्ज की गई.
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उम्मीद की किरण कायम:बात फरवरी माह की करें तो सामान्य वर्षा 110.1 एमएम के जगह पर 22.7 एमएम बरसात दर्ज की गई जो 79% कम रहा. वहीं बागेश्वर जनपद की करें तो जनवरी माह में 35.1 एमएम बरसात की तुलना में 14.1 एमएम बरसात दर्ज की गई जो 60% कम रही. जबकि फरवरी माह में सामान्य वर्षा 88.4 एमएम से घटकर 18.3 एमएम रह गया जो 79% वर्षा कम रही.
चंपावत जनपद में जनवरी माह में सामान्य वर्षा 37.4 एमएम से घटकर 21.4 एमएम रह गयी जो 43% वर्षा कम रही. जबकि फरवरी माह में सामान्य वर्षा 83.4 एमएम की तुलना में 22 .4 एमएम हुई जो 73% कम रही. संयुक्त निदेशक कृषि विभाग ने बताया कि तराई के क्षेत्रों में वर्षा कम होने की स्थिति में वहां पर सिंचाई नलकूप और नहर के माध्यम से की जा रही है. लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में संचित क्षेत्र में सिंचाई का कोई साधन नहीं है. मार्च माह में अगर वर्षा होती है तो किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी. फिलहाल अभी सूखे जैसी कहीं से कोई शिकायत नहीं आ रही है. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि वर्षा होते ही जमीन में नमी आ जाएगी.