हल्द्वानी: यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले (UKSSSC Paper Leak) के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा दारोगा भर्ती घोटाले (uttarakhand daroga recruitment case) पर सवाल खड़े हो रहे हैं. साल 2015 में हुए दारोगा भर्ती में बड़े पैमाने गड़बड़ी की जानकारी आने के बाद राज्य सरकार ने जहां इस भर्ती मामले की जांच एसआईटी से लेकर विजिलेंस को सौंपी है वहीं विपक्ष ने इस जांच पर सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने कहा है कि दारोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस निष्पक्षता से नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास विजिलेंस जांच पर नहीं है.
दारोगा भर्ती घोटाला: विजिलेंस जांच पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- नहीं कर पाएगी निष्पक्ष जांच
यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले (UKSSSC Paper Leak) के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा दारोगा भर्ती घोटाले (uttarakhand daroga recruitment case) पर सवाल उठ रहे हैं. जिस पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी सवाल उठाते हुए सरकार से इस मामले में हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि दारोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस निष्पक्षता से नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास विजिलेंस जांच पर नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष (Uttarakhand Leader of Opposition) ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि विजिलेंस इस मामले में सबूत जुटा पाएगी. ऐसे में विजिलेंस जांच से कहीं न कहीं जांच प्रभावित होगी और जो भी लोग दोषी होंगे उन पर दोष साबित नहीं हो पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस जांच के लिए लगातार अब सीटिंग जज के माध्यम से सीबीआई जांच की मांग उठा रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार अपनी एजेंसियों से केवल जांच करा रही है जिस पर विश्वास नहीं है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार से मांग की है कि दारोगा भर्ती घोटाले (Uttarakhand recruitment scam) के अलावा सभी अन्य घोटालों की हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की जाए. जिससे कि पूरी तरह से जांच में निष्पक्षता आ सके और जो भी लोग इसमें दोषी हों उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई हो सके.
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बता दें कि दारोगा भर्ती (Uttarakhand Inspector Recruitment Scam) गड़बड़ी मामले में आज शनिवार को मुकदमा दर्ज हो सकता है. इस मामले में शासन से विजिलेंस को कार्रवाई की अनुमति मिल गई है. इससे पहले एसटीएफ द्वारा विजिलेंस को पुख्ता सबूत दिए गए थे. जिसके बाद विजिलेंस ने अपनी प्राथमिक जांच पूरी कर शासन से आरोपित दारोगाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, जो शुक्रवार विजिलेंस को मिल गई है. ऐसे में विजिलेंस इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जल्द गिरफ्तारी कर सकती है.