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कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल खुद ही 'बीमार', लचर व्यवस्था को लेकर लोगों का प्रदर्शन - हल्द्वानी समाचार

हल्द्वानी की सरकारी बेस अस्पताल और सुशीला तिवारी में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. इन अस्पतालों में कई दवाइयां उपलब्ध नहीं है. साथ ही कई मशीनें भी खराब पड़ी हुई है. जिससे शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है.

प्रदर्शन करते स्थानीय लोग.

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Published : May 4, 2019, 5:38 PM IST

हल्द्वानीःप्रदेश में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. सरकार ने अस्पताल तो खोल दिये लेकिन डॉक्टरों की तैनाती करना भूल गई. कहीं अस्पतालों में दवाइयां नहीं हैं तो कहीं संसाधनों के अभाव में मरीजों को बीमार अस्पतालों से दो चार होना पड़ रहा है. जिसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और दवाइयों की कमी के कारण मरीज प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं.

दरअसल, हल्द्वानी का सरकारी बेस अस्पताल और सुशीला तिवारी अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. इन अस्पतालों में कई दवाइयां उपलब्ध नहीं है. साथ ही कई मशीनें भी खराब पड़ी हुई हैं. जिससे शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. इसी क्रम में स्थानीय लोगों ने शनिवार को जिला अधिकारी कैंप कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अस्पतालों की लचर व्यवस्था को सुधारने की मांग की.

जानकारी देते स्थानीय लोग.

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प्रदर्शनकारियों का कहना कि बेस अस्पताल और सुशीला तिवारी अस्पताल कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल हैं. यहां पर पहाड़ के अलावा दूरदराज के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि अस्पतालों में डॉक्टर की भारी कमी है. साथ ही कहा कि कई दवाइयां भी उपलब्ध नहीं है. जिससे लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. वहीं, उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से जल्द स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की साथ ही मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

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