नैनीताल: बीती रात से सरोवर नगरी नैनीताल में हो रही मूसलाधार बारिश अब अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है. बारिश के चलते ठंडी सड़क की पहाड़ी में एक बार फिर से भूस्खलन होने लगा है. इस भूस्खलन की वजह से कुमाऊं विश्वविद्यालय का एसआर छात्रावास खतरे की जद में आ गया है. इसीलिए इस हॉस्टल में रह रहे छात्रों को सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है.
एसआर हॉस्टल में 59 छात्राओं रह रही हैं, जिन्हें लंगम छात्रावास में शिफ्ट किया गया है. रविवार से हो रही तेज बारिश के चलते हॉस्टल की बुनियाद पूरी तरह से खोखली हो चुकी है. भूस्खलन से आज हॉस्टल का तीस फीट लंबा बरामद भूमिगत हो गया है. इसकी वजह से हॉस्टल कभी भी गिर सकता है.
नैनीताल में कभी भी गिर सकता है कुमाऊं विवि का हॉस्टल पढ़ें-लैंसडाउन में मलबे में दबकर तीन मजदूरों की मौत, चंपावत में मकान में दबी महिला
बता दें कि नैनीताल की ठंडी सड़क पर पिछले महीने भी भूस्खलन हुआ था. इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने भूस्खलन को रोकने और हॉस्टल को सुरक्षित रखने के लिए जीआई पाइप, वायर क्रेट और जियो सेंड बैंस से अस्थाई दीवार का निर्माण कराया था, लेकिन विभाग की जुगाड़ तकनीक बारीश के सामने टिक नहीं पाई और पूरी दीवार भूस्खलन के चलते नैनी झील में समा गई.
नैनी झील भी ओवर फ्लो है. पानी का लेवल 12 फीट के ऊपर से पहुंच गया है. नैनी झील का पानी सड़क पर बह रहा है. झील के जल स्तर को नियंत्रित करने वाले सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता कृष्ण चंद्र चौहान ने बताया कि नैनीताल में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते झील का जलस्तर 12 फीट से ऊपर जा चुका है. इसको नियंत्रित करने के लिए झील के गेटों को सोमवार सुबह 11 बजे खोल दिया गया था.
पढ़ें-बारिश के बावजूद केदारनाथ धाम में यात्रियों की भीड़, छाता लेकर कर रहे दर्शन
वहीं बारिश के चलते नैनीताल-हल्द्वानी, नैनीताल-भवाली और नैनीताल-कालाढूंगी राजमार्ग मलबा आने से पूरी तरह बंद हो गया. नैनीताल का संपर्क अन्य शहरों से कट गया. सड़क बंद होने के चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग देर शाम तक रास्तों में फंसे हुए थे.