उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

पहाड़ों में अवैध बोरिंग से लगातार गिर रहा जलस्तर, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मांगी रिपोर्ट

पहाड़ों में प्राइवेट बोरिंग लगाने के लिए कई मानकों का पालन करना पड़ता है, लेकिन नैनीताल जिले में कई ऐसे बोरिंग लगाए गए हैं. जो अवैध हैं और बिना मानक के संचालित हो रहे हैं. जिससे जलस्तर गिरने का खतरा गहरा गया है. ऐसे में अब कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में हैं.

By

Published : Mar 29, 2022, 4:48 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 5:17 PM IST

illegal boring in nainital
पहाड़ों में अवैध बोरिंग

हल्द्वानीःपहाड़ों में अवैध बोरिंग को लेकर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने अगले 15 दिन के अंदर नैनीताल और कोश्याकुटौली तहसील से अवैध बोरिंग की रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है, जो बोरिंग के बाद ग्रामीणों को पानी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. दीपक रावत के इस आदेश के बाद प्राइवेट बोरिंग संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक, पहाड़ों में गिरते जलस्तर को देखते हुए यह तय किया जाना बहुत जरूरी हो गया है कि बोरिंग को लेकर सख्त रुख अपनाया जाए. इतना ही नहीं पहाड़ों में कई जगह ऐसी बोरिंग की जा रही है, जिनकी कोई अनुमति ही नहीं है. दीपक रावत का कहना है कि कई जगह बोरिंग के लिए ग्रामीणों की एनओसी (NOC) जरूरी है, लेकिन ऐसा देखने को मिल रहा है कि कई जगहों में बिना एनओसी की ही बोरिंग की जा रही है, लेकिन उसका पानी ग्रामीणों को नहीं दिया जा रहा है.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अवैध बोरिंग की मांगी रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंःगौरी देवी के गांव में पेड़ों पर चली आरी, ग्रामीणों संग वन विभाग की टीम रवाना

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने 15 दिन के अंदर ऐसी बोरिंग की लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिन पर आगे कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है. उन्होंने पूरे कुमाऊं के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वो अपने-अपने क्षेत्र में सभी बोरिंग की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर पेश करें.

क्या है प्राइवेट बोरिंग लगाने का मानकःपहाड़ों में प्राइवेट बोरिंग की अनुमति दी जाती है, लेकिन इसके लिए कई मानक हैं. पहले मानक के तहत बोरिंग लगने से जल संकट खड़ा न हो, क्योंकि पानी किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि, सभी का रिसोर्स होता है. दूसरे मानक के तहत ग्राम सभा की एनओसी जरुरी होता है. तीसरे मानक के तहत अगर किसी व्यक्ति को बोरिंग की अनुमति मिलती है तो उसे ग्रामीणों के साथ पानी शेयर भी करना होता है. वहीं, बिना अनुमति के तहत चल रहे बोरिंग के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

ये भी पढ़ेंःहिमालयी क्षेत्रों में स्रोतों का पानी नहीं सुरक्षित, शोध में हुआ खुलासा, इंकोला बैक्टीरिया बना खतरा

Last Updated : Mar 29, 2022, 5:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details