रामनगर: उत्तराखंड समेत देश के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. पहाड़ से लेकर मैदान तक जलप्रलय देखने को मिल रही है. बारिश के चलते पहाड़ दरक रहे और भूस्खलन हो रहा है. पहाड़ों पर हो रही बारिश से अब नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. पहाड़ों में हुई तेज बारिश के चलते रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक रामनगर में कोसी नदी अगस्त और सितंबर में ज्यादा कहर बरपाती है. 2010 की बाढ़ में कोसी नदी का उच्चतम जलस्तर 16,1000 क्यूसेक दर्ज किया गया था.
उत्तराखंड में कोसी नदी का सफर
बागेश्वर जिले के कौसानी के पास धारपानी से निकलते हुए कोसी नदी अल्मोड़ा में कोशी घाटी का निर्माण करते हुए आगे बढ़ती है. नैनीताल जिले के रामनगर से होते हुए यह उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है और रामगंगा में मिल जाती है. 225 किमी बहने वाली कोसी नदी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की एक प्रमुख नदी है. कौसानी के निकट धारपानी धार से निकलने के बाद उत्तराखंड में इसकी 21 सहायक नदियां और 97 अन्य जलधार हैं. ऐसे में बारिश के सीजन में हुई बारिश की वजह से रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से राननगर में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है.
रामनगर के पर्यावरणविद् राजेश भट्ट का कहना है कि कोसी नदी जीवनदायिनी नदी है. नदी के जरिए उत्तराखंड के दो महत्वपूर्ण दो संरक्षित क्षेत्र लाभान्वित होते हैं. जिसमें फॉरेस्ट और कॉर्बेट पार्क का इलाका शामिल है. राजेश भट्ट का कहना है कि कोसी नदी हर चार-पांच साल बाद अपना रौद्र रूप दिखाती है. इसीलिए जब नदी रौद्र रूप दिखाती है तो फिर किसी को छोड़ती नहीं.