हल्द्वानी: पूरी दुनिया में आज जहां क्रिसमस के त्योहार की धूम है तो वहीं हिंदू धर्म में आज का दिन तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिंदू धर्म में तुलसी पूजा की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. आज तुलसी दिवस पर सभी स्थानों में तुलसी पौधे की पूजा की जा रही है. महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में तुलसी की पूजा कर परिवार की सुख शांति की कामना कर रही हैं.
तुलसी हैं माता लक्ष्मी का स्वरूप: ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक पुराणों में तुलसी को साक्षात माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. देवी भागवत के अनुसार राजा धर्म ध्वज के यहां लक्ष्मी जी तुलसी के रूप में अवतरित हुई थीं. पूर्व श्राप के कारण माता लक्ष्मी जी शंख चूर्ण की पत्नी बनी थीं. बाद में भगवान शिव ने शंख चूर्ण का वध कर दिया था. इसके बाद तुलसी ने अपने देह से एक रूप में गंडकी नदी के रूप धारण किया था और दूसरे रूप में अपने केशों से तुलसी वृक्ष का रूप धारण किया. तब से संसार में माता लक्ष्मी जी तुलसी वृक्ष के रूप में पूजी जाती हैं.
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आज होती है तुलसी की पूजा: आज के दिन तुलसी के पौधे में धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाकर उसका पूजन किया जाता है. तुलसी माता अखंड सौभाग्य, धन संपत्ति को प्रदान करती हैं. तुलसी पूजन अनादिकाल से सृष्टि के आरंभ से चला आ रहा है. इसका अपने आप में बहुत बड़ा महत्व है. तुलसी सबसे बड़ी औषधि के रूप में भी मानी आती है. इसके रस और पत्तों को ग्रहण करने से समस्त प्रकार की रोग व्याधियां दूर होती हैं. इसलिए तुलसी को साक्षात माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है.