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जानें क्या है तुलसी के पौधे का महत्व ?

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Published : Jul 27, 2020, 1:48 PM IST

तुलसी का महत्व आदिकाल से ही रहा है. धार्मिक आस्था के साथ-साथ आयुर्वेद में भी तुलसी का अपना विशेष महत्व रहा है. जिसको देखते हुए वन अनुसंधान केंद्र ने अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग क्षेत्रों से तुलसी के औषधीय पौधों को लाकर यहां संरक्षित करने का काम किया है. जिसके तहत 20 से अधिक तुलसी की प्रजातियों को लगाया गया है.

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तुलसी वाटिका

हल्द्वानी:तुलसी के पौधों का धार्मिक, आध्यात्मिक और आयुर्वेद में एक अलग ही महत्व है. जहां तुलसी को पूजनीय और पवित्र पौधे का दर्जा दिया गया है वहीं, आधुनिक विज्ञान में भी तुलसी का बड़ा महत्व है. जिसको देखते हुए लालकुआं वन अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो रही तुलसी के प्रजातियों का संरक्षण करने का काम कर रहा है. जिसके तहत 20 से अधिक प्रजातियों के तुलसी के पौधों को अलग-अलग क्षेत्रों से लाकर लगाया है.

यहां लगी हैं तुलसी की 20 से ज्यादा प्रजातियां.

वन अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी नवीन रौतेला के बताया कि तुलसी का महत्व आदिकाल से ही रहा है. धार्मिक आस्था के साथ-साथ आयुर्वेद में भी तुलसी का अपना विशेष महत्व रहा है. जिसको देखते हुए अनुसंधान केंद्र ने अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग क्षेत्रों से तुलसी के औषधीय पौधों को लाकर यहां संरक्षित करने का काम किया है. जिसके तहत 20 से अधिक तुलसी की प्रजातियों को लगाया गया है. उन्होंने बताया कि इसमें मुख्य रूप से बद्री तुलसी स्थापित है. जिससे भगवान बद्री विशाल की पूजा की जाती है. वहीं, पूजा के साथ-साथ बद्री तुलसी औषधीय गुण से भी भरपूर है. उन्होंने बताया कि अनुसंधान केंद्र में तुलसी वाटिका तैयार की गई है. जिसमें श्यामा तुलसी, लेमन तुलसी, काली तुलसी, नीबू तुलसी, रुद्री तुलसी, लोंग तुलसी, कपूर तुलसी, राम तुलसी और वन तुलसी शामिल हैं.

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वन क्षेत्राधिकारी नवीन रौतेला ने कहा कि कोरोना में तुलसी का और भी महत्व बढ़ गया है. तुलसी के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. सुबह उठकर खाली पेट तुलसी के पत्ते का सेवा करना चाहिए. तुलसी के पत्ते का काढ़ा पीने और बीज का सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. उन्होंने बताया कि तुलसी की कई प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं. जिसको देखते हुए वन अनुसंधान केंद्र ने वाटिका के माध्यम से तुलसी के पौधों का संरक्षण करने का काम किया है. अनुसंधान केंद्र का प्रयास है कि आगे भी और अन्य प्रजातियों की तुलसी लाकर यहां लगायी जा सके.

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