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इन औषधियों का काढ़ा पीने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता, जानें विशषज्ञों की राय

विशषज्ञों की मानें तो गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ और हरसिंगार का काढ़ा बनाकर सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. साथ ही कोरोना संक्रमण से बचने में मदद भी करता है.

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आयुर्वेदिक दवा

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Published : Apr 25, 2021, 2:51 PM IST

हल्द्वानीःआदिकाल से बीमारियों का इलाज जड़ी-बूटियों से होता आ रहा है. आज भी जंगलों की जड़ी-बूटियों को बीमारियों के लिए रामबाण इलाज माना जाता है. आज कोरोना संक्रमण ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है, ऐसे में लोग इस संक्रमण से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कई वन औषधियां भी मौजूद हैं. जिसके सेवन से कोरोना संक्रमण से कुछ हद तक बचा जा सकता है.

गिलोय.

हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी और वनों की औषधियों पर बीते कई सालों से शोध कर रहे मदन बिष्ट के मुताबिक, देश में ऐसी कई जड़ी-बूटियां और वन औषधियां हैं, जिसके माध्यम से लोग कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में कर सकते हैं. मदन बिष्ट की मानें तो वन औषधीय गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ और हरसिंगार के काढ़े का सेवन कोरोना संक्रमण के लड़ाई में रामबाण इलाज है.

वन औषधियों पर विशषेज्ञों की राय.

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गिलोय के हैं कई फायदे

हर जगह पर उपलब्ध होने वाली औषधि है. इसकी टहनियों के तोड़कर उसका काढ़ा बनाकर पीने से कोरोना समेत अन्य तरह के बुखार पर नियंत्रण पाया जा सकता है. साथ ही इसका काढ़ा पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसके अलावा ब्लड शुगर कंट्रोल में भी उपयोगी माना जाता है.

वन औषधि.

इम्यून सिस्टम मजबूत करने में मदद करता है अश्वगंधा

अश्वगंधा शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का काम करता है. इसके ऑक्सीडेंट आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है. साथ ही सर्दी जुखाम और बुखार को ठीक करने के अलावा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है.

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एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर कालमेघ

कालमेघ यह एक किस्म का कड़वा औषधि है. जिसके काढ़ा पीना बुखार में बहुत उपयोगी है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट के अलावा पाचन शक्ति से जुड़ी समस्याओं को भी ठीक करता है. साथ ही इसके पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

हरसिंगार (पारिजात) बुखार में मददगार

हरसिंगार के पौधे और फूल के कई रोगों में रामबाण इलाज का काम करता है. किसी भी तरह के बुखार के अलावा लीवर के विकार समेत पेट के किसी भी बीमारी को ठीक करने का काम करता है. इसके पौधे के पत्ते को काढ़ा बनाकर सुबह-शाम तीन समय सेवन करने से किसी भी तरह का बुखार ठीक हो जाएगा. इसके अलावा इसके पत्ते के काढ़ा पीने से शरीर में ऑक्सीजन लेवल को ठीक करता है.

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वहीं, वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट के मुताबिक, अगर इन चारों वन औषधियों का एक साथ मिश्रण कर इसका काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार सेवन करने से कोविड पर कंट्रोल पाया जा सकता है. इसके अलावा इन औषधियों के बाजारों में कई ऐसे प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. जिसके सेवन से इस कोरोना संक्रमण के बीमारी से बच सकता है.

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