हल्द्वानी:हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2079 की शुरुआत आज से हो गई है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया है कि आने वाला नव संवत्सर मिलाजुला रहने वाला है. वर्ष का पूर्वार्ध ठीक रहने वाला है लेकिन उत्तरार्ध का योग उत्तम नहीं रहेगा. नव संवत्सर देश के आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा. देश राजनीतिक क्षेत्र से मजबूत होगा लेकिन अधिक वर्षा, अधिक गर्मी, आपदा, जल-प्रलय, पश्चिमी देशों में युद्ध की स्थिति बनेगी. इसके अलावा नव संवत्सर कई राशियों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहेगा तो कई राशियों के लिए उत्तम रहेगा.
ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक नव संवत्सर 2079 में मीन लग्न में तीन ग्रहों का योग बन रहा है. बारहवें भाव में शनि और मंगल अपनी स्वराशि एवं उच्च राशि में स्थित है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का योग बन रहा है. विभिन्न राष्ट्रों के साथ अनुबंध होंगे. भारत का आर्थिक मूल्यांकन बहुत तेजी से बढ़ेगा लेकिन शनि की दृष्टि अष्टम भाव को देख रही है, जो प्राकृतिक आपदा, चक्रवात, तूफान, प्रलय, अधिक गर्मी, भूकंप के योग भी बना रहे हैं.
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राशियों के अनुसार क्या रहेंगे ग्रहों की स्थिति
मेष राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
मष राशि के लिए वर्ष का पूर्वार्ध कष्टकारक हो सकता है. रोग वृद्धि हो सकती है. कई कार्यों में अड़चने आ सकती हैं. कुल मिलाकर मेष राशि के लिए मुलाजुला असर रहेगा.
वृषभ राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
वृष राशि वालों के लिए पूर्वार्ध में कठिनाइयां भरा रहेगा लेकिन आगे चलकर अच्छा फल रहने वाला है. संतान सुख की प्राप्ति होगी. मांगलिक कार्य होंगे पूरा वर्ष मिलाजुला रहने वाला है.
मिथुन राशि (का, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मिथुन राशि वालों के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा. रुका हुआ काम बनेगा.
कर्क राशि (ही, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कर्क राशि में शनिदेव अपनी राशि का परिवर्तन करेंगे. जो ढैया से प्रभावित रहेगा. ऐसे में उत्तरार्ध का समय सामान्य रहेगा. शारीरिक दृष्टि से रोग कारक हो सकता है. अर्थ व्यय अधिक हो सकता है.