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ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी से जानिए कब है धनतेरस, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि - धनतेरस का शुभ मुहूर्त

दीपावली से पहले धनतेरस का बड़ा महत्व है. इस बार धनतेरस को लेकर कनफ्यूजन है. ईटीवी भारत पर ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी धनतेरस को लेकर चल रहे असमंजस को दूर कर देंगे. पढ़िए ये खबर.

Navin Chandra Joshi
धनतेरस 2022

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Published : Oct 22, 2022, 11:50 AM IST

Updated : Oct 22, 2022, 1:11 PM IST

हल्द्वानी: इस बार धनतेरस तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लेकिन शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन त्रयोदशी या धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. इस बार धनतेरस का पर्व 23 अक्तूबर रविवार को मनाया जाएगा. जबकि दीपावली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाई जाएगी.

इस बार सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग के अद्भुत शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन संध्या के समय प्रदोषकाल में मुख्य द्वार पर यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है और स्वस्थ व दीर्घायु की कामना की जाती है. धनतेरस पर विशेष रूप से नये बर्तन, सोना, चांदी, आभूषण, नए वस्त्र और गृह सज्जा का समान खरीदना शुभ माना गया है. इसके अलावा धनतेरस का दिन एक परम सिद्ध मुहूर्त भी होता है. इस दिन किए जाने वाले सभी शुभ कार्य मुख्य माने जाते हैं. इस दिन भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी, भूमिपूजन, गृह प्रवेश, नए घर की बुकिंग, बिजनेस डील इत्यादि की खरीदारी भी बहुत शुभ मानी गई है.

ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी से जानिए धनतेरस के बारे में

धनतेरस पर क्या खरीदें:श्रीगणेश और लक्ष्मी की चांदी या मिट्टी की मूर्तियां धनतेरस पर खरीदी जाती हैं. मूर्ति की जगह चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं जिस पर गणेश लक्ष्मी चित्रित हों. इन पर केसर का तिलक करके पूजन करें और लाल या पीले कपड़े पर रख दें. दीपावली पूजन में भी इन सिक्कों या मूर्तियों का पूजन करें और फिर इन्हें अपनी तिजोरी में रख दें. इसके अलावा धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी बहुत अच्छा माना जाता है. कहते हैं कि धन त्रयोदशी पर झाड़ू खरीदने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक धनतेरस का त्यौहार 23 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जाएगा. धनतेरस को देवताओं के प्रधान चिकित्सक भगवान धनवंतरि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

धनतेरस का शुभ मुहूर्त: धनतेरस पर सुबह से ही सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो जाएगा, जो पूरे दिन और रात्रि तक रहेगा. दोपहर 2:30 बजे से अमृत सिद्धि योग भी शुरू होगा. धनतेरस पर सुबह 7.51 बजे से दोपहर 12 बजे के मध्य चर, लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेंगे जो खरीदारी करने के लिए बहुत शुभ समय होगा. इसके बाद दोपहर 1:30 से 3 बजे के बीच भी शुभ चौघड़िया में खरीदारी के लिए शुभ समय होगा. धनवंतरि जयंती उदयकालिक त्रयोदशी तिथि में मनाई जाती है. इसलिए धनवंतरि जयंती पर भगवान धनवंतरि का पूजन 23 अक्टूबर को किया जाएगा. 23 अक्टूबर को सायंकाल में यम की प्रसन्नता के लिए दीपदान भी किया जाएगा.
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धनतेरस की पूजा विधि:धनतेरस की शाम को उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करें. दोनों के सामने घी का एकमुखी दीपक जलाएं. भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई चढ़ाएं पहले "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें. फिर "धन्वंतरी स्तोत्र" का पाठ करें और प्रसाद खाएं. दिवाली के दिन कुबेर को धन स्थान पर रखें. धनवंतरी को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें.

Last Updated : Oct 22, 2022, 1:11 PM IST

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