नैनीताल:कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हर साल करवा चौथ मनाया जाता है. इस साल ये तिथी 17 अक्टूबर को पड़ रही है. इस दिन को सुहागिनों के लिए महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 70 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है, जिसमें रोहड़ी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहणी के योग से मार्केंडेय और सत्यभामा योग भी इस चतुर्थी तिथि को बन रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस बार करवा चौथ सुहागिनों के लिए फलदायी साबित होगा.
70 साल बाद इस करवा चौथ पर बन रहा विशेष संयोग, जानें क्या है खास ? - शुभ संयोग
70 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है कि रोहड़ी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहणी के योग से मार्केंडेय और सत्यभामा योग भी इस चतुर्थी तिथि को बन रहे हैं.
दरअसल, 70 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है कि रोहड़ी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहणी के योग से मार्केंडेय और सत्यभामा योग भी इस चतुर्थी तिथि को बन रहे हैं. ज्योतिषाचार्य का अनुसार करवा चौथ दो शब्दों से मिलकर बना है करवा का मतलब मिट्टी का बर्तन और चौथ का मतलब चतुर्थी ऐसे में इस दिन मिट्टी के बर्तन में करवा की पूजा विशेष महत्व होता है. यह व्रत प्राचीन काल से चला आ रहा है. देव लोक की स्त्रियां इस व्रत को करती थी तबसे ही इस व्रत का प्रारंभ हुआ है. शास्त्रों के अनुसार भगवान नारायण ने इस व्रत को करने का उपदेश दिया था. माना जाता है कि जो ये व्रत रखता है उसको पति और पुत्र का वियोग नहीं होता है.
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर नवीन चंद्र ने बताया कि करवा चौथ की अवधि 13 घंटे 50 मिनट तक रहेगी. सुबह 6 बजकर 27 मिनट में व्रत की शुरुआत की जाएगी, जिसका परायण रात 8:15 चंद्रमा के दर्शन के साथ किया जाएगा. उनका कहना है कि महिलाओं को सज-धजकर रीति रिवाज के साथ करवा चौथ की पूजा करनी चाहिए.