हल्द्वानी: उत्तराखंड के इतिहास में पहला जौहर दिखाने वाली जिया रानी के सम्मान में हर साल हल्द्वानी के रानी बाग में कत्यूरी वंशज पूरी रात जागर लगाते हैं. इसी के चलते मकर संक्रांति की पूर्व रात्रि को कुमाऊं गढ़वाल के विभिन्न इलाकों से आए लोगों ने हल्द्वानी के रानीबाग पहुंचकर मां जिया रानी की गुफा में पूरी रात जागर किया. साथ ही देवभूमि की रक्षा के लिए प्रार्थना की.
उत्तराखंड के पहले कत्यूरी वंश की जिया रानी थी, जिन्होंने अपने जौहर से देवभूमि की रक्षा की थी. बताया जाता है कि जिया रानी, रानी बाग स्थित गागरी नदी में स्नान कर रही थी. तभी दुश्मन ने उनके ऊपर गलत निगाह डाली. रानी दुश्मनों से बचने के लिए के रानीबाग की गुफा में चली गई और वहां से रानी सीधे हरिद्वार को निकल गईं. बाद में उस गुफा को जिया रानी शरण स्थली के नाम से जाना जाने लगा.