रामनगर:विश्व विख्यात एडवर्ड जिम कॉर्बेट की बंदूक को अब जल्द उसका नया वारिस मिलने जा रहा है. बताया जा रहा है कि अगले 15 दिनों में बंदूक नए वारिस पर होगी. साल 2019 में त्रिलोक सिंह नेगी की मौत के बाद उनके परिजनों को ये बंदूक कालाढूंगी थाने में जमा करानी पड़ी थी. कालाढूंगी ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष राजकुमार पांडे के हस्तक्षेप के बाद अगले 15 दिनों में बंदूक त्रिलोक सिंह नेगी के बेटे मोहित सिंह नेगी के नाम हो जाएगी.
विश्व विख्यात जिम कॉर्बेट जब भारत छोड़ कर केन्या गए, तो उस वक्त उन्होंने अपनी बंदूक धरोहर के रूप में छोटी हल्द्वानी स्थिति अपने करीबी मित्र शेर सिंह नेगी को दे गए थे, जिन्होंने इसे धरोहर के रूप में संभालकर रखा था. शेर सिंह की मौत के 3 दशक तक उनके बेटे त्रिलोक सिंह ने इस बंदूक को संभालकर रखा था, जिसको धरोहर के रूप में पर्यटकों को भी कई कभार इसके दीदार कराए जाते थे.
साल 2019 में त्रिलोक सिंह नेगी की मौत के बाद उनके परिजनों को ये बंदूक कालाढूंगी थाने में जमा करानी पड़ी थी. तब से ही वे इस बंदूक को विरासत के रूप में अपने नाम कराने के जद्दोजहद में लग हुए थे. अब जिसके नाम ये बंदूक होने जा रही है. उसके नए वारिस स्वर्गीय त्रिलोक सिंह नेगी के पुत्र मोहित सिंह नेगी हैं.